पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को सुझाव दिया कि मीडिया को सरकार से उनका वह जवाब जारी करने के लिए कहना चाहिए जो उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को लिखा था. सोनिया ने उनसे कथित रूप से आरोपों को देखने के लिए कहा था कि उस निजी फर्म फर्स्ट ग्लोबल को परेशान किया जा रहा है जो तहलका का वित्त पोषण करती है.

तहलका पत्रिका ने अटल बिहारी वाजपेयी नीत राजग सरकार के दौरान रक्षा सौदों में कथित भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया था, जिसके चलते बाद में तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाडिंस को त्यागपत्र देना पड़ा था. तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को कैमरे के समक्ष धन लेते हुए पकड़ा गया था और बाद में वह दोषी ठहराये गये थे.
इस भंडाफोड़ के बाद फर्स्ट ग्लोबल के प्रवर्तक देविना मेहरा और शंकर शर्मा के खिलाफ विभिन्न जांच एजेंसियों ने कई मामले दर्ज किये थे. संप्रग सरकार 2004 में जब सत्ता में आई थी तो शर्मा ने सोनिया को एक पत्र लिखा था जो उस समय राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की प्रमुख थीं.
उन्होंने कहा था कि विभिन्न एजेंसियां अभी तक उन्हें परेशान कर रही हैं और उनकी दिक्कतें दूर होनी चाहिए. फर्स्ट ग्लोबल के पत्र को संलग्न करते हुए सोनिया ने अपने आधिकारिक लेटरहैड पर चिदंबरम को लिखा था कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर देखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मामले में कोई अनुचित या गैरकानूनी व्यवहार नहीं किया जाये.
मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया करते हुए चिदंबरम ने एक बयान में कहा, पत्र पर मेरी नोटिंग सही है. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि वित्त मंत्रालय की ओर से, मैंने एक पत्र भेजा होगा, जो मेरे समक्ष रखी गयी सामग्री पर आधारित है. सोनिया गांधी और मेरे उत्तर को एकसाथ पढ़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, मेरा सुझाव है कि मीडिया को सरकार से पत्र का जवाब जारी करने के लिए कहना चाहिए.
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