घरेलू स्तर पर बिजली की मांग चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़ेगी। रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने यह अनुमान लगाया है। एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि इसकी भी उम्मीद है कि जल्द ही भुगतान चक्र और भी कम हो जाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया, “फिच रेटिंग्स को उम्मीद है कि मजबूत औद्योगिक गतिविधियों के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की बिजली मांग लगभग सात प्रतिशत बढ़ जाएगी। जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बिजली मांग में 7.1 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली मांग में 9.5 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। मजबूत बिजली मांग के कारण ताप बिजली संयंत्रों का औसत क्षमता इस्तेमाल (पीएलएफ) 60 प्रतिशत से ऊपर रहना चाहिए।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि केंद्र सरकार के विलंबित भुगतान अधिभार (एलपीएस) नियमों के तहत नियमित भुगतान से बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनको) का कुल बकाया कम होकर लगभग 70,000 करोड़ रुपए रह गया है, जो जून, 2022 में एलपीएस लाने के समय 1.3 लाख करोड़ रुपए था।
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