चाणक्य नीति के अनुसार पति और पत्नी रिश्ता बहुत पवित्र रिश्ता होता है. ये रिश्ता प्रेम और समर्पण पर टिका होता है. इस रिश्ते को कभी कमजोर नहीं होने देना चाहिए. इस रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए चाणक्य ने कुछ अहम बातें बताई हैं, जिन्हें अवश्य जानना चाहिए-
प्रेम- चाणक्य नीति के अनुसार पति और पत्नी के रिश्ते की एक अहम कड़ी है प्रेम. इस रिश्ते में प्रेम की कभी कमी नहीं आने देना चाहिए. प्रेम जब कम होने लगता है तो ये रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है. प्रेम इस रिश्ते में मिठास घोलता है.
समर्पण- चाणक्य नीति के अनुसार पति-पत्नी के रिश्ते में समर्पण का विशेष महत्व है. किसी भी रिश्ते में जब तक समर्पण की भावना नहीं होगी. तब तक उस रिश्ते में मजबूती नहीं आती है. समर्पण की भावना एक दूसरे का सहयोग करने के लिए प्रेरित करती है. यही भाव इस रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है.
सम्मान- चाणक्य नीति कहती है कि पति और पत्नी के रिश्ते में आदर सम्मान का अतिमहत्वपूर्ण योगदान होता है. एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए. एक दूसरे की ताकत बनना चाहिए. ऐसा करने से पति और पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है. एक दूसरे के श्रेष्ठ कार्यों की सराहना करनी चाहिए. एक दूसरे का कभी अपमान नहीं करना चाहिए.
झूठ को न आने दें- चाणक्य नीति के अनुसार पति और पत्नी के पवित्र रिश्ते में झूठ के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए. ये रिश्ते को कमजोर करता है. एक दूसरे के प्रति पूर्ण निष्ठा रखनी चाहिए. झूठ और धोखा इस रिश्ते को बहुत जल्द कमजोर कर देता है. समय रहते यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो ये रिश्ता बिखर भी जाता है.