चक्रवाती तूफान का कहर: अब ओडिशा सरकार ने ‘अम्फान’ के चलते 11 लाख लोगों निकालना शुरू किया

चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के चलते तेज हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए ओडिशा सरकार ने संवेदनशील इलाकों से 11 लाख लोगों को निकालना शुरू कर दिया है।

इन लोगों को अस्थायी शेल्टर होम में पहुंचाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने भी निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।

मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है। कोलकाता में मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गणेश कुमार दास ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में दशकों बाद सुपर साइक्लोन बना है।

इस तूफान में हवा की रफ्तार 220 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा रह सकती है। चक्रवात तेजी से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के पार पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहा है। इसके 20 मई को बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीपों के बीच तट से टकराने का अंदेशा है।

बंगाल सरकार ने दक्षिण 24-परगना के सुंदरबन के तटीय इलाकों और पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है।

इन जगहों पर कोरोना से बचाव की भी तैयारी की गई है। राज्य में विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने कहा कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने को कहा गया है। 12 तटीय जिलों में 567 राहत शिविरों में इन लोगों को ठहराया जाएगा। इन शिविरों में कोरोना संक्रमण से बचाव की भी व्यवस्था की गई है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के डीजी एसएन प्रधान ने कहा है कि चक्रवात ‘अम्फान’ की चुनौती से निपटने के लिए हमारी 37 टीमें पूरी तरह से तैयार हैं।

एनडीआरएफ की हर टीम में 45 लोग होते हैं। ओडिशा के सात जिलों और पश्चिम बंगाल के छह जिलों में 25 टीमों की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि कोवि-19 के खतरे के बीच चक्रवात अम्फान आ रहा है। ऐसे में हमारे लिए दोहरी चुनौती है।

ओडिशा में पिछले साल तीन मई को चक्रवात फणी ने कहर बरपाया था। इसमें 64 लोगों की जान गई थी और संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।

तमिलनाडु के रामेश्वरम में पंबन बंदरगाह अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान अम्फान को देखते हुए पंबन ब्रिज पर चक्रवात चेतावनी केज नंबर 2 जारी किया है।

इन चक्रवाती सिग्नल का अर्थ होता है चक्रवाती तूफान आने के संकेत। ये एक से 11 नंबर तक 11 श्रेणियों में विभाजित होते हैं। रविवार रात को आई आंधी और बारिश के चलते रामेश्वरम में मछुआरों की करीब 50 नौकाओं को नुकसान पहुंचा।

चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के असर के चलते केरल और कर्नाटक के कई हिस्सों में रविवार रात से ही भारी बारिश हो रही है। केरल के कोट्टयम जिले में वाइकोम ताल्लुका में तेज आंधी और भारी बारिश के चलते काफी नुकसान भी हुआ।

अधिकारियों ने बताया कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। इसके चलते सड़क पर वाहनों की आवाजाही और बिजली आपूर्ति में दिक्कत आई। वाइकोम महादेव मंदिर परिसर के अंदर भी क्षति पहुंची है। साथ ही कई घरों को भी नुकसान हुआ है।

मौसम विभाग ने लक्षद्वीप ओर केरल के तटीय इलाकों में मंगलवार को भी भारी बारिश और तेज हवाओं का अनुमान जताया है।

तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा और एर्नाकुलम जिलों में भी बारिश हो सकती है। वहीं कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ के तटीय जिलों और उडुपी जिले में तेज गरज के साथ भारी बारिश और तेज आंधी आई।

बारिश रविवार शाम से ही शुरू हो गई थी लेकिन सोमवार सुबह तक इसने तेज रफ्तार पकड़ ली। इसके चलते तटीय इलाकों में मंगलवार तक यलो अलर्ट जारी किया गया है।

उडुपी जिले में घर गिरने से एक 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई। वहीं बाइकमपैडी स्थित एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी में रखी सब्जियां और फल भारी बारिश के चलते बर्बाद हो गई।

बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ सुपर साइक्लोन में बदल चुका है। विकराल रूप धारण कर चुका चक्रवात 20 मई को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट को पार कर सकता है।

इसके चलते ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अम्फान’ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक ली और राज्यों को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

बैठक के ठीक बाद पीएम ने ट्वीट किया कि वह सभी के सुरक्षित रहने की प्रार्थना करते हैं और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाते हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी ने ‘अम्फान’ से उत्पन्न हालात, तैयारियों और लोगों को निकालने की जानकारी ली।

रिस्पांस प्लान के प्रस्तुतीकरण के दौरान एनडीआरएफ के डीजी ने बताया कि दोनों राज्यों में 25 टीमों को तैनात किया गया है जबकि 12 को रिजर्व में रखा गया है। साथ ही 24 अन्य टीमों को देश के विभिन्न हिस्सों में स्टैंडबाय रखा गया है। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।

 

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