घर में बिजली नहीं तो महिला ने बच्चों समेत छोड़ दिया ससुराल,

 घर में शौचालय नहीं होने पर ससुराल छोड़ने के मामले तो आपने सुने हैं। लेकिन घर में बिजली नहीं होने से नाराज एक महिला ससुराल छोड़कर मायके में दो माह से बच्चों के साथ रह रही है। महिला ने सामने शर्त रखी जब घर बिजली से रोशन होगा, तब वह भी मायके से ससुराल आएगी। पत्नी की जिद से परेशान पति ने परिवार परामर्श केन्द्र से पत्नी को अपने ही घर में रहने मनाने की गुहार लगाई है।

परिवार परामर्श केन्द्र के काउंसलरों की समझाइश और पति द्वारा शीघ्र ही घर में बिजली की व्यवस्था करने का वादा करने के बाद पत्नी मायके से ससुराल आने को तैयार हो गई। लेकिन उसकी शर्त यही है कि पहले घर में बिजली सप्लाई चालू कराई जाए। अब बिजली चालू कराने के लिए पति दफ्तर-दफ्तर भटक रहा है।

गुलाबगंज तहसील के एक ग्राम के पर्वत सिंह (परिवर्तित नाम) ने पिछले दिनों परिवार परामर्श केन्द्र में शिकायत की थी कि दो माह पहले उसकी पत्नी पार्वती बाई (परिवर्तित नाम) अपने दोनों बच्चों के साथ मायके चली गई है। जब वह उसे लेने के लिए ससुराल पहुंचा तो पार्वती ने शर्त रख दी कि पहले घर में बिजली की व्यवस्था करो उसके बाद ही वह बच्चों के साथ घर लौटेगी।

परिवार परामर्श केन्द्र के निर्देश पर एक दिन पहले शुक्रवार को पार्वती बाई विदिशा पहुंची। यहां पूछताछ पर उसने बताया कि उसके घर में पिछले दो साल से बिजली नहीं है, जिससे बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती, घर के काम करने में भी दिक्कतें होती हैं। भीषण गर्मी से बच्चे बीमार हो गए थे। वह बार-बार पति से बिजली सप्लाई चालू कराने के लिए कहती रही। लेकिन हर बार पति आश्वासन देकर टालता रहा। इसी से परेशान होकर वह मायके गई थी। इधर, पत्नी से परेशान पति का कहना है कि गांव के आधे घरों में बिजली नहीं है। वह कई बार बिजली कंपनी के चक्कर लगा चुका है। लेकिन बिजली सप्लाई चालू नहीं की जा रही है।

बिजली कंपनी के उपमहाप्रबंधक अंकुर सेठ का कहना है कि गांव पर बिजली बिल बकाया होने के कारण बिजली काटी गई है। गांव के बकाया बिल की 20 फीसदी राशि जमा कराई जाती है तो गांव की बिजली सप्लाई चालू की जा सकती है।

कलेक्टर से डीपी रखवाने की गुहार

इस संबं में पर्वत सिंह का कहना है कि गांव में एक किसान की सिंचाई वाली डीपी से बिजली कनेक्शन लेने का प्रयास कर रहा हंूं। लेकिन डीपी दूर होेने के कारण करीब 3 हजार रुपए की डोरी खरीदनी पड़ेगी। मैं मजदूरी करता हूं, डोरी पर इतना पैसा खर्च करना मेरे लिए मुश्किल है। पर्वत सिंह का कहना है कि वह मंगलवार को जनसुनवाई में भी डीपी रखवाने के लिए कलेक्टर को आवेदन देकर गुहार लगाएगा।

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