वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी को सीसीटीवी फुटेज से ठोस सबूत हाथ लगे हैं. पुलिस 600 डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण कर रही है. इसके साथ ही कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ की जा रही है, जिन्होंने हमलावरों को भागते हुए देखा था. एसआईटी चीफ ने क्राइम सीन का पांच बार दौरा किया है.
पुलिस को यह भी पता चला है कि वारदात को अंजाम देने से पहले संदिग्धों ने गौरी के घर की रेकी थी. बाइक पर आए संदिग्धों ने गौरी के घर के तीन चक्कर लगाए थे. करीब 35 साल का एक संदिग्ध सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया है. वहीं एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में बहुत समानता पाई गई है. पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है.
जांच में सामने आए प्रमुख तथ्य
– 600 डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया जा रहा है.
– वहां कुछ प्रत्यक्षदर्शी हैं, जिन्होंने हमलावरों को भागते हुए देखा था. एसआईटी उनसे भी डिटेल ले रही है.
– जांच में यह भी पता चला है कि हमलावरों को गौरी के घर के बारे में पता नहीं था, इसलिए उन्होंने उनके घर की दो बार रेकी की थी.
– इस केस की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख ने क्राइम सीन का 5 बार दौरा किया है.
– यह साफ हो चुका है कि इस वारदात को दो लोगों ने अंजाम दिया है, जिसमें से एक CCTV कैमरे में कैद हो गया.
– डॉक्टर एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में बहुत समानता पाई गई है. दोनों को एक ही तरह से मारा गया है.
– एसआईटी पर जल्दी रिजल्ट देने का कोई दबाव नहीं है. सीएम का कहना है कि विस्तृत जांच के बाद पुलिस सही रिजल्ट दे.
– 5 सितंबर को जिस दिन गौरी लंकेश की हत्या हुई थी, उस दिन बाइक सवार संदिग्धों ने गौरी के घर के तीन चक्कर लगाए थे.
– संदिग्ध सड़क के दाहिनी तरफ से गौरी के घर की तरफ आया था. वह कुछ दूर आगे बढ़ा और फिर अपनी बाइक वापस मोड़ लिया.
– संदिग्ध को गौरी के घर के पास पहली बार शाम 3.27 बजे देखा गया. इसके बाद 7.15 बजे वह फिर वापस आया था.
– तीसरी बार जब संदिग्ध आया तो उसकी पीठ पर एक काला बैग था. हो सकता है इस बैग में वह हथियार लेकर आया हो.
– गौरी के घर पर पहुंचते ही उनके उपर चार राउंड फायरिंग की गई थी, जिसमें तीन सीधे उनके शरीर पर लगी थी.
एक ही पिस्टल, तीन मर्डर
एक अधिकारी ने बताया कि शुरूआती जांच में कुछ ऐसी बातें सामने आईं हैं, जिनसे पता चलता है कि इन हत्याओं में एक ही संगठन का हाथ हो सकता है. बताया जा रहा है कि गौरी लंकेश को 7.65 mm पिस्टल से गोली मारी गई थी. वहीं कलबुर्गी को भी 7.65 mm पिस्टल से गोली मारी गई. गोविंद पनसारे को मारने में भी ऐसे पिस्टल से मारा गया था.
बताया था जान का खतरा
बताते चलें कि गौरी लंकेश कन्नड़ टेबलॉयड ‘लंकेश पत्रिका’ की संपादक थीं. नवंबर, 2016 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके कारण उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया गया. इस मामले में उन्हें 6 महीने की जेल हुई थी. कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आर के दत्ता को उन्होंने अपनी जीवन पर खतरा बताया था.