गोरखपुर घटना पर हमलावर विपक्ष, अखिलेश बोले परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया
Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav addressing a press conference at Shastri Bhawan In Lucknow on Tuesday. Express photo by Vishal Srivastav 21.10.2014

गोरखपुर घटना पर हमलावर विपक्ष, अखिलेश बोले परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया

गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई 33 बच्चों की मौत पर अब राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस के प्रतिनिधी मंडल के हमले के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार पर हमला किया. अखिलेश ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि मृतकों के परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया, मृतक बच्चों का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने ये सब सच्चाई को छुपाने के लिए किया. इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की.

 

गोरखपुर घटना पर हमलावर विपक्ष, अखिलेश बोले परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर चार कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, संजय सिंह और प्रमोद तिवारी रविवार सुबह गोरखपुर पहुंचे. कांग्रेस ने घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है. ये राज्य सरकार की नाकामी का नतीजा है. मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए. जांच के लिए सांसदों की टीम बने. स्वास्थ्य मंत्री सौंपे इस्तीफा.

इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी गोरखपुर जाएंगे. सीएम के साथ दोनों मांत्रियों की बैठक हुई है. वहां से आने के बाद दोनों मंत्री सीएम को घटना की पूरी रिपोर्ट देंगे. शुक्रवार रात 11 बजे तक 2 और बच्चों की मौत हो गई, जिससे संख्या बढ़कर 32 हो गई. पहले ये संख्या 30 थी. शनिवार सुबह इंसेफेलाइटिस से पीड़ित 11 साल के एक और बच्चे की मौत हो गई.

ये घटना गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है, जहां मरने वालों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे. बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी. खबरों के मुताबिक पिछले 5 दिनों में 62 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से इंकार किया है.

घटना पर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि जो घटना हुई है बहुत ही दुखद है. परिवारों के प्रति मेरी पूरी संवेदना है. सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और केंद्र सरकार ने इसकी चर्चा की है कि ऐसे दोबारा घटना ना घटे. ऑक्सीजन की जो कमी हुई है उस मामले की जांच होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए.

हालांकि कार्रवाई से बच्चे तो वापस नहीं आ सकते हैं. लेकिन ऐसी घटना ना हो ये सुनिश्चित किया जाए. सरकार का जो धर्म बनता है वह सरकार करे लेकिन उसके पीछे कारण क्या है वह जांच में पता चलेगा. सरकार कारण पता लगाए. ऑक्सीजन की आपूर्ति से निपटने के विभाग ने अधिकारियों को 3 और 10 अगस्त को कमी के बारे में सूचित किया था. पुष्पा सेल ने भुगतान नहीं होने पर आपूर्ति को बंद कर दिया था.

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कांग्रेस नेता महाबल मिश्रा ने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक का इस्तीफा मांगा है. महाबल मिश्रा ने कहा कि यह कुशासन है. 30 बच्चों की मौत हो गई है. इसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो. योगी और मोदी इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते रहते हैं और अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है. नैतिकता के आधार पर योगीजी को खुद इस्तीफा देना चाहिए. केंद्र से लेकर राज्य तक भाषण और दबाव की राजनीति चल रही है. जातिगत राजनीति चल रही है और जमीनी स्तर पर यह घटना बयां कर रही है कि कोई काम नहीं हो रहा है.

मामले को तूल पकड़ने के बाद सरकार की ओर से इस मामले पर सफाई आई है. जारी बयान में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी रोगी की मौत नहीं हुई है. मेडिकल कॉलेज में भर्ती 7 मरीजों की विभिन्न चिकित्सीय कारणों से 11 अगस्त को मृत्यु हुई. घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं डीएम ने 5 सदस्यीय टीम गठिक की जो कि आज अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

 

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