मध्य प्रदेश के बैतूल में एक दुर्लभ प्रजाति का कछुआ मिला है. काली पीठ होने के कारण इसे ब्लैक शेड के नाम से भी जाना जाता है.

अंतरराष्ट्र्रीय बाजार में इसकी अच्छी-खासी कीमत बताई जा रही है. वास्तु शास्त्र में इस कछुए को गुडलक चार्म माना जाता है. इसे घर पर रखने से सुख-शांति आती है और धन-दौलत की कभी कमी नहीं रहती है.
जानकारों का कहना है कि इस कछुए की खासियत यह है कि यह घास खाता है. साथ ही यह पानी में कम रहता है और जमीन पर ज्यादा चलता है.
इसके एक पैर में चार नाखून होते हैं. 16 नाखूनों वाले इस अनोखे कछुए को लोग लकी मानते हैं. आमतौर यह बहुत कम दिखाई देता है. लेकिन इसे घरों में रखना गैरकानूनी है.
बैतूल में ये दुर्लभ काला कछुआ कारोबारी ब्रिज कपूर को मिला. जिसे उन्होंने वन विभाग को दे दिया. कारोबारी ब्रिज कपूर का कहना है कि बारिश के दौरान उन्हें यह कछुआ पानी में बहता हुआ मिला.
ब्रिज कपूर का कहना है 10 दिन तक इस कछुए को घर में रखने के बाद हमें लगा कि यहां पर इसका सही विकास नहीं हो सकता.
घर पर काली पीठ वाले कछुए को रखने से बरकत आती है और यह काफी शुभ होता है. लेकिन बावजूद हमने इसे वन विभाग को सौंपा. जिससे इसकी सही तरीके से देखभाल हो सके.
बैतूल के वनरक्षक चंद्रशेखर का कहना है कि ये कछुआ व्यापारी ब्रिज कपूर के घर से मिला है. 10 दिन पहले बारिश के दौरान उन्हें सड़क पर मिला था.
जिसके बाद उन्होंने इसकी देखभाल की. लेकिन अब इन्होंने वन विभाग को सौंप दिया है. इस दुर्लभ प्रजाति के कछुए को नदी में छोड़ा जाएगा.
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