गिफ्ट्स देनेवालों की नियत और सोच के बारे में के बारे में बताते हैं बहुत कुछ

गिफ्ट्स देनेवालों की नियत और सोच के बारे में के बारे में बताते हैं बहुत कुछ

बर्थडे , शादी, ऐनिवर्सरी और ऐसे ही लाइफ के दूसरे खूबसूरत अवसरों पर मिलनेवाले गिफ्ट्स इन्हें बहुत कुछदेनेवालों की नियत और सोच के बारे में  बताते हैं। सोचिए, अगर किसी शादी में जाना हो तो आमतौर पर क्या गिफ्ट देने का खयाल आता है, क्रॉकरी सेट या बेड शीट। क्या हम कभी सोचते हैं कि आखिर एक कपल अपने पास कितने क्रॉकरी सेट रखेगा या उसे कितनी बेडशीट्स की जरूरत होगी? वहीं किसी बच्चे के जन्मदिन में जाते वक्त कॉमन गिफ्ट है क्रियॉन्स। पहली बार तो बच्चे के जरूरत की चीज है तो पैरंट्स ने उसे दिला ही रखी होगी। फिर भी, एक बच्चा कितने क्रियॉन्स यूज करेगा? हम इस पर सोचने की जहमत ही नहीं उठाते हैं। जानिए, ऐसे गैर जरूरी गिफ्ट इन्हें पानेवाले को क्या संदेश देते हैं…. गिफ्ट्स देनेवालों की नियत और सोच के बारे में के बारे में बताते हैं बहुत कुछ

रिसर्च कहती है कि कॉमन गिफ्ट देना बुरा नहीं है लेकिन ऐसे ही बहुतसारे गिफ्ट्स एकसाथ मिलना, इन्हें पानेवाले को आपके बारे में बुरा महसूस कराता है। न्यूयॉर्क इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में मार्केटिंग के असोसिएट प्रफेसर, देवोर वाई कोह्न के अनुसार ‘बुरे गिफ्ट सलेक्शन के पीछे जरूरी नहीं है कि ईर्ष्या का भाव हो लेकिन अधिक मात्रा में ऐसे गिफ्ट देने में ऐसी भावना जरूर नज़र आती है।’ कोह्न आगे कहते हैं ‘बुरे गिफ्ट पाना अपमान की तरह होता है। ये कुछ ऐसा है जैसे अपनी नई-नवेली दुल्हन को एक सास दीपवाली गिफ्ट के तौर पर प्रेग्नेंसी चेकअप किट दे। जबकि उसे पता हो कि बहू गर्भवती नहीं है।’ गिफ्ट्स की एक कैटिगरी होती है ‘अग्रेसिव गिफ्ट्स’। हालांकि गिफ्ट सलेक्शन की थिअरी को पूरी तरह जज नहीं किया जा सकता है फिर भी गिफ्ट कई बार देनेवाले का स्वार्थ और कंजूसी को साफतौर पर बयां करते हैं। कोह्न कहते हैं, ये कुछ ऐसा है जैसे, पत्नी अपने पति के जन्मदिन पर डिशवॉश गिफ्ट कर दे और पति अपनी पत्नी के जन्मदिन पर जैंट्स हैंकी। मतलब, आपने गिफ्ट तो दिया लेकिन वो आपके काम का है, पानेवाले के नहीं। 

गिफ्ट्स की अगली कैटिगरी होती है कॉम्पिटिटिव गिफ्ट्स की। ये अक्सर नजदीकी रिश्तों में दिए जाते हैं। यानी, दादा-दादी ने जो गिफ्ट दिए हैं, पैरंट्स उनसे महंगे गिफ्ट लाकर बच्चों को दें। या इसके ठीक उलट स्थिति हो। ऐसे में यह नहीं देखा जाता कि ये गिफ्ट पानेवाले के लिए हैं भी या नहीं। बस कीमत देखकर इनका चुनाव किया जाता है। 

कुछ गिफ्ट ऐसे होते हैं जो कॉम्पिटिटिव और अग्रेसिव दोनों होते हैं। जो महंगे भी होते हैं और पानेवाले को बुरा भी महसूस कराते हैं। गिफ्ट्स पर आधारित यह स्टडी पिछले दिनों ‘द कंवर्सेशन’ में प्रकाशित की गई।

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