गलत दिशा में अगर बनवाते हैं आप बालकनी तो जा सकती हैं आपकी जान सिर्फ तीन सालो में..

लाइव हलचल डेस्क:शास्त्रों में कहा है कि मनुष्य के जीवन को दो चीजें प्रभावित करती हैं- भाग्य और वास्तु. यदि आपका भाग्य ठीक हो और वास्तु गड़बड़ हो तो प्रयासों की तुलना में आधा ही फल मिलता है. अगर हम ईशान कोण व नैत्रृत्य कोण को ठीक रखें तो हमारा काफी वास्तु ठीक हो जाता है ईशान शब्द ईश्वर का प्रतीक है ईश+आन ईशान ईश्वर की आन, मर्यादा, पवित्रता को बरकार रखना चाहिए.इस कोण में अपवित्र वस्तुएं कचरा गंदगी आदि नहीं रखनी चाहिए.

भारी वस्तु लोहा आदि भी नहीं रखें. इस कोने में लैट्रिन तो भूलकर भी नहीं बनाएं और झाड़ू भी नहीं रखें. ऐसा करने से गृह कलह, संतान विकलांग, वंश वृद्धि में कमी, दुष्चरित्रता, दीर्घव्याधियों का शिकार होना पड़ेगा या दरिद्रता का निवास होगा. इस कोने में दरार, गड्ढा, भग्नावशेष तथा रसोई भी नहीं होनी चाहिए.

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वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि आपका घर दक्षिण मुखी है तो बालकनी को पूर्व या दक्षिण दिशा में बनाना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है.

वैसे तो आपके घर का हर कोना बेहद खास होता है, मगर बालकनी एक ऐसी जगह है जहां बैठकर आप खुद को तरोताजा महसूस करते हैं. यही वो जगह है जहां से आपके घर में सूर्य का प्रकाश प्रवेश करता है और सकारात्मक ऊर्जा आपके घर में प्रवेश करती है. ऐसे में बालकनी की दशा और दिशा सही होना बेहद जरूरी है.

यदि दक्षिणमुखी हो आपका घर:

वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि आपका घर दक्षिण मुखी है तो बालकनी को पूर्व या दक्षिण दिशा में बनाना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है.

पूर्वमुखी घर होने पर ऐसी हो बालकनी:

यदि आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व की ओर खुलता हो तो बालकनी भी पूर्व दिशा में ही होनी चाहिए. यदि ऐसा संभव न हो तो बालकनी को उत्तर दिशा में बनवा सकते हैं.

वहीं जो लोग उत्तरमुखी घर बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो उन्हें बालकनी को पूर्व या उत्तर दिशा में बनाना चाहिए.

घर का मुख हो पश्चिम में तो:

यदि आपके घर का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो तो आपको बालकनी उत्तर या पश्चिम में बनानी चाहिए. बालकनी का फर्श आपके घर के फर्श से थोड़ा नीचे होना चाहिए.

बालकनी में ऐसे हों पौधे:

बालकनी में आप विभिन्न प्रकार की बेल या मनी प्लांट लगा सकते हैं. इससे आपके घर में ठंडक रहने के साथ ही ऊर्जा भी आती है. इस बात का ध्यान रखें कि लताएं कंपाउंड की दीवार से ऊंची न चली जाएं.

बालकनी में रखें साफ-सफाई:

अक्सर देखा जाता है कि बालकनी का इस्तेमाल लोग स्टोर रूम की तरह करते हैं और पुरानी वस्तुएं और खराब पड़े सामान उसमें भर देते हैं. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है.

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