गर्लफ्रेंड के लिए बना ऑटोलिफ्टर फिर पहचान छ‌िपाने के ल‌िए उठा ल‌‌िया ये बड़ा कदम

दिल्ली पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक शात‌िर ऑटोलिफ्टर समेत तीन लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया। इनके पास से 12 एसयूवी भी बरामद की गई।
इस मामले का खुलासा करते हुए रविवार दिन में दिल्ली पुलिस ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेंस में डीसीपी साउथ-ईस्ट रोमिल बानिया ने बताया कि गिरफ्तार किया गया ऑटोलिफ्टर 1997 से ही पुलिस के रिकॉर्ड्स में है।

खास बात तो ये है कि इसने अपनी पहचान छिपाने के लिए साल 2012 में प्लास्टिक सर्जरी करा ली थी। रोमिल बानिया ने आगे बताया कि आरोपी ने ऑटोलिफ्टिंग का काम अपना और अपनी गर्लफ्रेंड का खर्च उठाने के लिए शुरू किया था।

यह सुपरचोर ज्यादातर दक्षिणी दिल्ली, दक्षिण-पूर्व दिल्ली और फरीदाबाद के आसपास में चोरियां करता था।

बदलता रहता है नाम

तनुज, संजय, राहुल और विजय, ये सभी नाम कुणाल (35) के हैं। उसके द्वारा किए गए अपराध की सूची लंबी होती चली गई, तो वह हुलिया व नाम भी बदलता चला गया। पुलिस से बचने के लिए चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी भी करवा ली थी।

हर 10 वारदात के बाद नाम व हुलिया बदल लेता था। पुलिस की मानें तो वह 1000 से ज्यादा आपराधिक वारदात खासकर वाहन चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है। कालकाजी थाना पुलिस ने इस सुपरचोर को उसके साथी के साथ दबोचा है। इस वाहन चोर की तुलना सुपरचोर बंटी से की जाती है। चोरी के वाहनों को मेरठ व मुजफ्फरनगर में बेचता था।

दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गढ़ी, लाजपत नगर में कुणाल का जन्म हुआ था, तब पिता ने उसका नाम तनुज रखा था। शुरू में ये घरों में चोरी करने लगा।

इस दौरान इसकी दोस्ती एक युवती से हो गई और गर्लफ्रेंड के लिए अपराध के दलदल में फंसता चला गया। इसने अपना नाम बदलकर संजय रख लिया और बड़ी वारदात करने लगा। इसके बाद ये वाहन चोरी व लूटपाट करने लगा।

पहले राहुल फ‌िर व‌िजय फ‌िर कुणाल रख ल‌िया नाम

पुलिस रिकॉर्ड में इसका नाम अच्छे-खासे बदमाश के रूप में जाना जाने लगा, तो इसने अपना नाम राहुल कर लिया। इसके बाद इसने अपना नाम विजय और कुणाल रख लिया। नाम के साथ हुलिया भी बदल लेता था। कभी ये पुजारी, तो कभी पत्रकार के भेष में रहता था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये चेहरे की सर्जरी भी करवा चुका है।

दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कालकाजी थानाध्यक्ष वेदप्रकाश की टीम ने कुणाल को उसके साथी गांव शिखरेडा, जिला मुजफ्फरनगर (यूपी) निवासी इरशाद अली के साथ कालकाजी इलाके से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों को रिमांड पर ले रखा है। कुणाल ने बताया कि वह एक महीने में वाहन चोरी की 40 से 50 वारदात करता था।

पुलिस कस्टडी से हो चुका है फरार
अमर कॉलोनी थाना पुलिस ने 14 सितंबर, 2013 को इसे गिरफ्तार किया था। इसने बताया कि वह चोरी की कार कैथल (हरियाणा) निवासी वीरेंद्र को देता है। पुलिस टीम इसे 15 सितंबर, 2013 को कैथल ले जा रही थी, तो उल्टी होने की बात कहकर गाड़ी से उतरा और पुलिसकर्मियों की आंखों में धूल डालकर फरार हो गया। इस समय अमर कॉलोनी थानाध्यक्ष व श्रीनिवासपुरी चौकी प्रभारी लाइन हाजिर हुए थे।

पुलिस पर गोली चलाने से नहीं चूकता था

आरोपी कुणाल इतना शातिर है कि वह पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने से नहीं चूकता था। पुलिसकर्मियों को डराने के लिए वर्ष 2013 में सीआर पार्क थाने के अंदर खुदकुशी का प्रयास किया था।

ईसीएम बदलकर वाहन चोरी करता था
आरोपी रात के समय पॉश कॉलोनियों में वाहन चोरी करता था। ये रात दो से ढाई बजे के बीच ही वारदात करता था। गाड़ी के साइड का शीशा तोड़कर उसकी ईसीएम बदल देता था। ड्रिल मशीन से स्टेयरिंग लॉक तोड़ देता था। इसके बाद ये कार को चुरा ले जाता था। चोरी के वाहनों को मेरठ व मुजफ्फरनगर में बेचता था।

 

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