खौफनाक वारदात: कुंडी बंद की, लाइट बुझाई, बच्ची चिल्लाई तो ‘समोसेवाली आंटी’ आई फिर…

वो साल 2017 का था. मुंबई के इंदिरा नगर झोपड़पट्टी में रहने वाली 8 साल की एक लड़की पड़ोस में आंटी के घर पर टीवी देखने गई थी. यह कोई नई बात नहीं थी. वो अमूमन अपने इस आंटी के घर टीवी देखने जाया करती थी. उस दिन भी वो टीवी देखने ही गई थी. लेकिन उस दिन उस कमरे में मौजूद मंगेश नाम के शख्स के इरादे ठीक नहीं थे. मंगेश ने दरवाजे की कुंडी बंद की, लाइट स्विच ऑफ की…तभी पड़ोस की समोसेवाली आंटी वहां पहुंच गई.

अदालत में इस बच्ची ने अपने साथ गुजरे उस खौफनाक वारदात की दास्तान बताई. अब इस मामले में दोषी शख्स  को 5 साल की सजा हुई है. इस चुलबुली लड़की ने कहा कि वो पढ़ने में तेज थी, उसे पकड़म-पकड़ाई खेलना पसंद था. स्कूल से आकर रोज अपने पड़ोसी के साथ टीवी देखने जाती थी.

कुंडी बंद की, लाइट बुझाई

पीड़िता कबाड़ी इक्ट्ठा करने वाले एक शख्स की बेटी है और बांद्रा टर्मिनल के नजदीक इंदिरानगर झोपड़ पट्टी में रहती है. स्कूल से आने के बाद वो अपने पड़ोस के घर में टीवी देखने जाती थी. जहां एक महिला अपने परिवार के साथ रहती थी. हालांकि उस दिन जब बच्ची घर के अंदर पहुंची तो वहां महिला नहीं थी. इस दौरान वहां मंगेश नाम का 30 साल का युवक था. इसके अलावा वहां दो बच्चे थे, एक की उम्र एक साल थी जबकि दूसरा तीन साल का था.

बच्ची ने अदालत में बताया, “मैं, टीवी देखने लगी. अचानक मंगेश ने कमरे का दरवाजा बंद किया और कुंडी लगा दी, लाइट बंद किया और अपने कपड़े उतार दिए.” इसके बाद आरोपी ने उसके साथ जबर्दस्ती करने की कोशिश की. मंगेश ने उसे चूमा और उसके निजी अंगों को छुआ. बच्ची ने कहा कि वो मंगेश की इस हरकत को देखकर डर गई और चिल्लाने लगी. लेकिन मंगेश ने उसका मुंह बंद कर दिया और उसे धमकी देने लगा.

दौड़ती हुई आई समोसेवाली आंटी

इस मुश्किल मौके पर पास की समोसेवाली आंटी ने बच्ची की आवाज सुन ली और वहां दौड़ती हुई आई. महिला ने दरवाजे की सुराख से झांका और किवाड़ पीटने लगी. मंगेश ने हड़बड़ाहट में अपने कपड़े पहने और दरवाजे पर खड़ी आंटी को धक्का दिया और भाग खड़ा हुआ. लेकिन बाहर लोगों ने मंगेश को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी. इसके बाद मंगेश को पुलिस को सौंप दिया गया.

5 साल की सजा

अदालत में बहस के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि मंगेश पीड़िता के लिए अंजान था और पीड़िता के माता-पिता और मंगेश के बीच किसी तरह की दुश्मनी भी नहीं थी, इसलिए मंगेश को फंसाने का कोई आधार नहीं है. चश्मदीदों ने भी बताया कि घटना के वक्त मंगेश वहां मौजूद था. दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने मंगेश को 5 साल की सजा और 15000 रुपये का आर्थिक दंड दिया है.

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