
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक मुख्य आर्थिक सलाहाकार ने कहा कि 12 और 18 फीसदी के स्लैब को मर्ज करके एक नया स्लैब बनाया जा सकता है। इस हिसाब से आगे चलकर के चार स्लैब 0 फीसदी, 5 फीसदी, मर्ज किया हुआ स्लैब (15.5 फीसदी) और 28 फीसदी स्लैब रह जाएगा।
सीमेंट के कम हो सकते हैं दाम
सीमेंट को जल्द ही 28 फीसदी के स्लैब से बाहर किया जा सकता है। अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि व्हाइट गुड्स और सीमेंट को कभी लक्जरी नहीं माना गया, लेकिन रेवेन्यु ज्यादा आने के लिए इनको इस स्लैब में रखा गया था। अब जीएसटी में रेवेन्यु बढ़ने के बाद इन पर जल्द फैसला लिया जाएगा।
जीएसटी के लागू होने से पहले पहले सरकार का तर्क था कि यह लक्जरी आइटम हैं, इसलिए इनको अधिकतम स्लैब में रखा जाए। महिलाओं को ध्यान में रखते हुए ही जीएसटी काउंसिल ने रेस्टोरेंट में टैक्स को 5 फीसदी किया था।
एक्सपर्ट का मानना है कि अगर इन सभी व्हाइट गुड्स को 18 फीसदी के स्लैब में रखा जाता है, तो फिर डिमांड बढ़ेगी और इससे प्राइस भी कम हो जाएगा। इन व्हाइट गुड्स में एसी और डिशवॉशर को भी शामिल किया जाएगा।
रेस्टोरेंट में टैक्स को भी इसलिए किया गया कम
अगर आप बाहर एसी रेस्टोरेंट में खाना पीना करते हैं तो फिर कम बिल देना होगा। बिल में जीएसटी को 18 और 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। इससे बिल सस्ता आएगा। रेस्टोरेंट के साथ-साथ करीब 211 ऐसे प्रोडक्ट्स हैं, जिनके दाम काफी कम हो गए हैं। हालांकि अभी इसका पूरा फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है, क्योंकि रेस्टोरेंट्स ने रेट बढ़ा दिए है।
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