दुनियाभर में इस्लामी आतंक के कहर से सबक सीखते हुए चीन इससे अपनी तरह से निपटने की कोशिश कर रहा है। वह अपने मुस्लिम बाहुल्य प्रांतों में बहुत सख्ती से पेश आ रहा है। उसके इस कदम से उन इलाकों के लोगों की जिंदगी दूभर हो गई है। छोटा मक्का कहे जाने वाले पश्चिमी चीन के मुस्लिम बाहुल्य प्रांत लिंक्शिया में सब पहले जैसा नहीं है।
धार्मिक शिक्षा पर प्रतिबंध
– जिस मस्जिद में एक हजार से ज्यादा बच्चे कुरान की बारीकियां सीखने के लिए सर्दियों और गर्मियों की छुट्टियों में आया करते थे, अब उस मस्जिद में बच्चों का प्रवेश ही रोक दिया गया है।
– अभिभावकों को समझाया गया है कि कुरान की पढ़ाई पर इसलिए रोक लगाई गई है ताकि बच्चे धर्मनिरपेक्ष पाठ्यक्रम पर ध्यान दे सकें।
– शिंजियांग प्रांत में सरकार कड़े इरादों के साथ धार्मिक उन्माद और अलगाववाद के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
– यहां के रहने वाले उइगुर समुदाय के लोगों को शिक्षा शिविरों में डाल दिया गया है जहां उन्हें कुरान रखने या दाढ़ी बढ़ाने की भी इजाजत नहीं है।
– अब लिंक्शिया प्रांत में स्थानीय प्रशासन ने उन छात्रों की संख्या भी कम कर दी है जिन्हें 16 साल से अधिक उम्र के चलते मस्जिदों में पढ़ने की अनुमति मिली हुई है।
– नए इमामों के लिए प्रमाणपत्र हासिल करने की प्रक्रिया को भी सीमित कर दिया है।
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