केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने दुश्मन देशों द्वारा जवानों को फेसबुक पर नकली प्रोफाइल बना कर रणनीतिक सूचनाएं प्राप्त करने के लिए अपनाए जाने वाले हथकंडों की काट ढूंढना शुरू कर दिया है। सीआरपीएफ की तरफ से जवानों को शिक्षित करने के लिए सामग्री तैयार की जा रही है, जिसमें बताया जाएगा कि वह किस तरह से दुश्मन देश के जाल में फंसने से बच सकते हैं।

सीआरपीएफ की तरफ से इसके लिए परामर्श भी जारी किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि यह योजना थोड़ी देर से शुरू हो रही है। सीआरपीएफ ने अपने जवानों के नकली फेसबुक प्रोफाइल से बचने के लिए एक लेटर जारी किया है।
सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर और रेड जोन्स जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात जवानों के लिए जारी हालिया पत्र में कहा, यह देखा गया है कि असामाजिक तत्व और दुर्भावनापूर्ण इरादे वाले लोग कमजोर उपयोगकर्ताओं को लक्षित करने के लिए फेसबुक प्रोफाइल क्लोनिंग का उपयोग कर रहे हैं। इस घोटाले का इस्तेमाल सुरक्षा बलों को निशाना बनाने और गोपनीय जानकारी निकालने के लिए भी किया जा रहा है।
इसके अलावा, सीआरपीएफ की सोशल मीडिया टीम ने ‘सोशल मीडिया क्लोनिंग पर मैनुअल’ भी जारी किया है। जवानों को शिक्षित करने के लिए एक वीडियो भी तैयार किया गया है। जिसमें बताया गया है कि कैसे सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाने के लिए फेसबुक प्रोफाइल क्लोनिंग का इस्तेमाल किया जाता है, और इसे कैसे रोका जा सकता है।
सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में जवानों से शिकायतें मिली हैं कि उन्हें उनके दोस्तों और परिवार के सदस्यों की नकली फेसबुक प्रोफाइल से रिक्वेस्ट मिल रही है।
इस तरह के एक मामले में, एक संवेदनशील स्थान पर तैनात एक जवान के फेसबुक दोस्त ने उसके स्थान का विवरण भेजने के लिए कहा। यहां तक कि जवानों के परिवार और दोस्तों से भी पैसे की मांग की गई है।
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