इसी के साथ वो यह सम्मान पाने वाले आईपीएल इतिहास के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। हालांकि, सुंदर न ही कोई अबूझ पहली बने हुए हैं और न ही बहुत ज्यादा ही गेंद को टर्न कराते हैं।
इस खिलाड़ी के बारे में सबसे ज्यादा दिलचस्प चीज है इसका नाम – वॉशिंगटन। कुछ लोगों का कहना है कि उनका अमेरिका से कोई नाता है या उनके पिता इस शहर के मुरीद हैं। हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं हैं। वॉशिंगटन सुंदर के पिता एम. सुंदर ने एक अखबार से बातचीत करते हुए इस राज से पर्दा उठाया। उन्होंने कहा, “मैं एक हिंदू परिवार से आता हूँ। मेरे घर से कुछ ही दूरी पर पूर्व फौजी रहा करते थे, जिन्हें क्रिकेट का बेहद शौक था। वो हमारा खेल देखने के लिए मरीना ग्राउंड में आया करते थे।”
एम. सुंदर ने कहा कि उन्हीं पूर्व सैन्य अधिकारी के नाम पर उन्होंने अपने बेटे का नाम रखा। उनका नाम था पीडी वॉशिंगटन और इसी वजह से उन्होंने अपने बेटे का नाम वॉशिंगटन रखा। उन्होंने कहा कि बचपन वो काफी गरीब थे। इस दौरान वे ही उनके लिए स्कूल के कपड़े, किताबें लाते थे। उनकी फीस भी पीडी वॉशिंगटन ही भरते थे। एम. सुंदर ने कहा कि दोनों के बीच काफी गहरा रिश्ता था। जब उनका चयन रणजी संभावितों में हुआ, तो वे सबसे खुश इंसान थे।
इसके बाद एम. सुंदर ने कहा कि उनकी पत्नी को डिलेवरी के टाइम का दिक्कतें हुईं, मगर शिशु बच गया। उन्होंने कहा, “हिंदू रिवाज के अनुसार मैनें उसके कान में भगवान का नाम ‘श्रीनिवासन’ कहा, मगर बाद में मैंने तय किया कि अपने बेटे का नाम वॉशिंगटन ही रखूंगा। यह उस शख्स की याद में है, जिन्होंने मेरे लिए काफी कुछ किया है।”