आजकल लड़कियां सेक्स स्कूल लाइफ से करने लगी है इसलिए प्रेग्नेंट होने का डर सताता है। तो सेफ सेक्स के लिए कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाने लगा है और इसके लिए कई तरह के प्रटेक्शन उपलब्ध हो गए हैं, जो यौन संक्रामक रोग के अलावा अनचाहे गर्भ से बचाव करते हैं।

फिंगरिंग सेक्स:
इसलिए डिजिटल सेक्स के चलन ने जोर पकड़ लिया है और डिजिटल सेक्स यानी वह प्रक्रिया जिसमें सेक्स के दौरान फिंगर या फिर पांव के अंगूठे का इस्तेमाल एक स्टिम्युलेटर के तौर पर किया जाता है इसका चलन बढ़ गया है। वहीं ऐसे में बात करें फिंगर कॉट की तो यह एक ट्यूब के जैसा दिखने वाला कैप होता है जिसे उंगली पर पहना जाता है।
फिंगर कॉट:
इसे चोट लगी उंगली को ड्राई रखने के लिए उपयोग में लेते हैं लेकिन इसे सुरक्षित यौन संबंधों के लिए भी कारगर माना जाता है। इस तरह के सेक्शुअल इंटरकोर्स में काफी कम खतरा माना जाता है और इसमें फिंगर का इस्तेमाल होता है इसलिए इसे फिंगरिंग भी कहते हैं। वहीं इस सेक्शुअल ऐक्ट में तब तक प्रेग्नेंसी का कोई खतरा नहीं होता जब तक कि फिंगर के जरिए स्पर्म फीमेल प्राइवेट पार्ट में न चला जाए।
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