श्रम कानूनों में बदलाव और केंद्र के निजीकरण के फैसले के विरोध में ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल (भारत बंद) आज से शुरू हो गई है। इस दौरान बैंकों और कई औद्योगिक क्षेत्रों में इसका खासा असर देखने को मिला। बता दें कि सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल और केरल में देखने को मिल रहा है। बंगाल में विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा इस हड़ताल के मद्देनजर लेफ्ट के सदस्यों ने कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में इकट्ठा होकर रेलवे ट्रैक को ब्लाक कर दिया है।
दिल्ली में बैंक दिखे सुनसान
दो दिवसीय भारत बंद का असर आज दिल्ली के बैंकों में भी देखने को मिला है। तसवीरों में बैंक सुनसान दिख रहे हैं, बैंको ने अपने कार्यालय के बाहर बंद के समर्थन में पोस्टर भी लगा रखे हैं। बता दें कि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में आज और कल हड़ताल का आह्वान किया है।
केरल में सड़कें वीरान
ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर केरल की सड़कों तक देखने को मिला है। यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने राज्य में बंद को सफल कराने के लिए दुकानें तक बंद करा दी और राज्य की सड़कें भी विरान दिखाई दे रहीं हैं। वहीं एक व्यक्ति ने इस दौरान बताया कि हड़ताल के चलते उन्हें अपने ऑफिस जाने में दिक्कत हो रही है क्योंकि उन्हें कोई यातायात का साधन नहीं मिल रहा है
ओडिशा में भी दिखा असर
ट्रेड यूनियनों द्वारा सरकारी नीतियों के विरोध का असर आज ओडिसा में भी देखने को मिला। ओडिशा में यूनियनों के कर्मियों ने आज सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की और कल भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया।
यह लोग हैं इस हड़ताल में शामिल
बता दें कि यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में रोडवेज, बैंक कर्मी और बिजली कर्मी आदि कई लोग हैं। गौरतलब है कि बैंक यूनियन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नीजीकरण और बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में इस बंद में शामिल हो रहे हैं।
भारतीय मजदूर संघ ने बनाई दूरी
भारतीय मजदूर संघ ने इस हड़ताल में शामिल न होने का ऐलान किया है। संघ का कहना है कि यह भारत बंद राजनीति से प्रेरित है इसका मुख्य मकसद चुनिंदा राजनीतिक दलों के एजेंडे को पूरा करना है।