आगामी 25 अप्रैल को आसाराम पर फैसला लिया जाना है.जिसे लेकर जोधपुर पुलिस पशोपेश में थी. पशोपेश इस बात को लेकर था कि पुलिस आसाराम को कोर्ट में ले जाने के पक्ष में नहीं थी जिसे लेकर पुलिस ने कोर्ट ने इजाजत भी मांगी थी. अब जाकर कोर्ट ने अपना निर्णय दिया है कि सेंट्रल जेल में बंद आसाराम को यौन उत्पीड़न मामले में फैसला जेल में ही सुनाया जाए.
हाईकोर्ट ने इस संबंध में पुलिस की ओर से दी गई अर्जी पर सुनवाई के बाद मंगलवार को दोपहर में फैसला सुनाया. गौरतलब है जोधपुर कमिश्नरेट ने हाईकोर्ट में दायर एक अर्जी में आसाराम को जेल में ही फैसला सुनाने का अनुरोध किया था. पुलिस ने अपनी अर्जी में कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कोर्ट के समक्ष 9 बिंदु रखते हुए आसाराम को जेल में ही फैसला सुनाने की पैरवी की थी. इससे पहले सुबह जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की खण्डपीठ ने पुलिस विभाग की अर्जी पर दोनों पक्षों को सुनकर कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस फैसले के बाद पुलिस को राहत मिली है.
दरअसल पुलिस की ओर से दी गई अर्जी में कहा गया था कि पेशी के दिन आसाराम समर्थक कोर्ट परिसर में और बाहर हंगामा कर सकते है जिसके बाद माहौल बिगड़ने का डर है. कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए उक्त आदेश दिया.
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