लुफ्थांसा ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अधिकारियों द्वारा उड़ान कार्यक्रम की अप्रत्याशित अस्वीकृति के कारण उसे 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक भारत और जर्मनी के बीच सभी उड़ानों को रद करना होगा। जर्मन एयरलाइन ने कहा कि उसने विशेष उड़ानों को जारी रखने के लिए आवेदन किया था, जिसे सितंबर के अंत तक संचालित करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन, अब अस्वीकृति के कारण उड़ानों को रद करना होगा।
जर्मनी सहित 13 देशों के साथ विशेष उड़ानों की अनुमति दी गई है
कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण 23 मार्च से भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, जर्मनी सहित 13 देशों के साथ भारत द्वारा एयर बबल व्यवस्था के तहत विशेष उड़ानों की अनुमति दी गई है। विमानन नियामक डीजीसीए ने कहा कि भारत ने इस साल जुलाई में जर्मनी के साथ एयर बबल की औपचारिक शुरुआत की। हालांकि, जर्मनी की यात्रा करने के इच्छुक भारतीय नागरिकों पर प्रतिबंध है। लुफ्थांसा के पक्ष में असमान वितरण के परिणामस्वरूप भारतीय वाहक को नुकसान पहुंच रहा था।
लुफ्थांसा एक हफ्ते में अधिकतम सात फ्लाइट ऑपरेट करने पर राजी नहीं हुआ
डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में अभी भारतीय एयरलाइन कंपनियां हफ्ते में तीन-चार उड़ानों का संचालन कर रही हैं, लेकिन, लुफ्थांसा ने महज हफ्ते भर में 20 फ्लाइटों का संचालन किया। डीजीसीए की तरफ से लुफ्थांसा को कहा गया कि वह एक हफ्ते में अधिकतम सात फ्लाइट ही ऑपरेट करे, लेकिन इस पर लुफ्थांसा राजी नहीं हुआ।