जब भी हम किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अप्लाई करने के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहला ख्याल जो दौरान हमारे दिमाग में आता है, वो होता है
‘प्लेसमेंट’. जो भी छात्र एडमिशन के लिए अप्लाई करता है उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में कॉलेज प्लेसमेंट सबसे ऊपर होती है. बहुत से छात्र बेहतर भविष्य के लिए कॉलेज प्लेसमेंट पर निर्भर होते हैं. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपको मिले मोटा पैकेज, तो प्लेसमेंट के दौरान जरूर रखें इन बातों का ध्यान…
कभी न हो लेट
समय पर न पहुंचने वालों का हर एक जगह खराब इम्प्रैशन ही पड़ता है. फिर चाहे बात कॉलेज प्लेसमेंट की ही क्यों न हो. इंटरव्यू राउंड में देरी से पहुंचने वालों के सेलेक्ट होने के चांसेज न के बराबर रह जाते हैं, क्योंकि एक एचआर को इंटरव्यू के दौरान देरी से पहुंचने वाले उम्मीदवार बिलकुल रास नहीं आते हैं.
बेसिक को न करें नजरअंदाज
बहुत से उम्मीदवार इंजीनियरिंग के शुरुआती सालों में पढ़ाए गए बेसिक्स को नजरअंदाज कर देते हैं और प्लेसमेंट से पहले इन्हें दोबारा रिवाइज न करने की गलती कर बैठते हैं. जबकि प्लेसमेंट के दौरान अक्सर नियोक्ता बेसिक से जुड़े सवाल पूछते हैं. इसलिए जब भी आप कॉलेज प्लेसमेंट के लिए जाए तो एक बार अपने बेसिक्स का रीविजन कर के जाएं.
RBI समीक्षा: मुंह बंद कर काम करेंगे मेंबर, 2 दिन का मिलेगा 1.5 लाख
अंग्रेजी की है डिमांड
आपको चाहे ये बात अच्छी लगे या न लगे पर अच्छी अंग्रेजी लिखने और बोलने वाले लोगों की भारतीय जॉब मार्केट में काफी डिमांड है. हालांकि इस बात को जानते हुए भी बहुत से लोग अपने कम्यूनिकेशन स्किल्स पर ध्यान नहीं देते हैं. अगर आपको लगता है कि आप अंग्रेजी बोलने और लिखने में थोड़े कमजोर हैं तो प्लेसमेंट पर जाने से पहसे इस पर जरूर थोड़ा काम कर के जाएं.
फीडबैक लेना न भूलें
एक बार इंटरव्यू खत्म हो जाने के बाद आपको नियोक्ता से अपना फीडबैक भी ले लेना चाहिए, भले ही आपका चयन न हुआ हो. ऐसा करने का फायदा आपको भविष्य में मिलेगा, क्योंकि इससे आपको अपनी कमियों के बारे में पता चलता है. इसकी मदद से आप प्लेसमेंट के दौरान दूसरी कंपनियों के सामने खुद को बेहतर ढंग से पेश कर पाएंगे.