यूपी के कानपुर में 10 साल से निर्माणाधीन ही पड़े सीओडी रेलवे ओवरब्रिज पर रविवार को निरीक्षण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री सतीश महाना पीडब्लूडी (एनएच खंड) अफसरों पर बिफर पड़े। बोले, अखबारों में छप रहा है कि एक पुल बनवा नहीं पाए, बातें स्मार्ट सिटी की कर रहे। इसके बाद कैबिनेट मंत्री ने अपना रौद्र रूप दिखाया।
मेरी सरकार है, मुझे जनता गाली देती है। अब किसी को छोड़ूंगा नहीं। उन्होंने नोडल एजेंसी पीडब्लूडी (एनएन खंड), निर्माण एजेंसी प्रोजेक्टर मैनेजर से 5 फरवरी तक टू लेन का काम पूरा करने की बात लिखित में ली। इस दौरान हंगामे, ड्रामे जैसा माहौल रहा। बता दें कि अमर उजाला ने रविवार के अंक में ही सवाल उठाया था कि एक पुल बनवा नहीं पाए, बातें स्मार्ट सिटी की करते हैं।
मंत्री जी की फटकार और दर्द का सिलसिला यहीं नहीं थमा…
कैबिनेट मंत्री ने पीडब्लूडी अफसर वीपी शर्मा, एसके सिंह से काम पूरा न होने की बात पूछी। इसपर अफसरों ने ठेकेदार पर बात न सुनने का आरोप लगाया। इस पर महाना ने कहा कि या तो तुम भ्रष्ट हो, या काम कराने के काबिल नहीं। अगर काम नहीं करवा पा रहे हैं, तो लिखकर दो। पहले डीएम की बैठक में 30 अक्तूबर की तारीख कैसे दे दी थी। वीपी शर्मा के झिझकने पर महाना ने कहा कि आप मीटिंग को मजाक समझते हैं। 5 फरवरी के बाद कार्रवाई हो तो यह मत कहना कि मैंने गलत किया।
कैबिनेट मंत्री के सामने अफसर जहां ठेकेदार पर मनमानी का आरोप लगा रहे थे, वहीं निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश सिंह ने भुगतान रोकने, तरह-तरह से काम को टालने का आरोप लगाया। कहा कि हमें सड़क बनाने के लिए काफी दिन पहले सही तापमान (धूप) मिली। फिर भी काम रोका गया। बोले कि अगर समय पर भुगतान हो तो 31 जनवरी तक वाहन चलने लायक काम पूरा कर देंगे। यहां दोनों ओर से आरोप – प्रत्यारोप दौर चला। राजेश सिंह का कहना है कि मंगलवार को सफाई के बाद बुधवार को डामर का काम शुरू होगा।