केदारनाथ हेली सेवा का मई का स्लॉट पलक झपकते ही फुल हो गया। इसी के साथ सक्रिय हो गए साइबर ठग। बुकिंग का प्रयास कर रहे लोगों को इन ठगों ने फोन कर बुकिंग कराने का दावा किया। मई में किसी भी दिन की बुकिंग के लिए 25 हजार रुपये मांगे गए। इस मोबाइल नंबर पर जब अमर उजाला ने संपर्क किया तो मामला सही पाया गया। ठगों ने आधे पैसे पहले और आधे टिकट मिलने के बाद देने को कहा। यही नहीं ठग तो ऑनलाइन पंजीकरण कराने को भी तैयार हो गया।
मंगलवार को जब हेली सेवा बुकिंग दोपहर 12 बजे से शुरू हुई तो चंद मिनटों में ही पूरे मई के स्लॉट बुक हो गए। ऐसे में लोग अपनी बारी का इंतजार करते रह गए। साइबर ठगों ने ऐसे लोगों को फंसाने की कोशिश शुरू कर दी। सवाल यह है कि जब सभी स्लॉट फुल हो गए तो ठग किस तरह से बुकिंग का दावा कर रहे हैंं। इसी की पड़ताल करने के लिए अमर उजाला ने टिकट बुक करने का दावा कर रहे व्यक्ति के नंबर पर बात की।
सामान्य कॉलिंग का नहीं था रिचार्ज, व्हाट्सएप पर हुई बात
इस नंबर पर जब कॉल किया तो पता चला कि उसकी सेवाएं रिचार्ज न होने के कारण समाप्त कर दी गई हैं। इसके बाद एक प्रयास व्हाट्सअप कॉलिंग का किया गया। नंबर की डीपी पर श्रीकेदारनाथ धाम का फोटो लगा था। व्हाट्सअप कॉल पर चंद सेकेंड बात हुई। इसके बाद उसने चैटिंग शुरू कर दी। चैटिंग के कुछ अंश…
ठग- पिक-अप प्वइंट बताएं
रिपोर्टर- सिरसी
ठग- एक तरफ से या दोनों तरफ से
रिपोर्टर- दोनों तरफ से
ठग- उसी दिन लौटना है या अगले दिन सुबह
रिपोर्टर- अगले दिन
ठग- कितने लोग हैं
रिपोर्टर- तीन
ठग- बुकिंग दिनांक बताओ
रिपोर्टर- 11 मई
ठग-ओके चेक करके बताता हूं, कुछ देर बाद…पिक-अप टाइम सिरसी से 3.15 पीएम, अगले दिन वापसी 11.20 एएम…ओके
इसके बाद ठग ने सिरसी से प्रति व्यक्ति किराया व्हाट्सअप कॉल पर बताया। बताया कि 6060 रुपये प्रति व्यक्ति लगेगा और जाने वालों का विवरण मांगा।
कोई अधिकृत एजेंट नहीं है
ठग ने अपना एक कार्ड भी ऑनलाइन भेजा है। इसमें उसका नाम हर्ष यादव लिखा है। साथ ही लिखा है कि वह आईआरसीटीसी से अप्रूव है। बता दें कि आईआरसीटीसी की ओर से किसी एजेंट या एजेंसी को इस काम के लिए अप्रूवल नहीं दिया गया है।
इन बातों का रखें ध्यान
केवल आईआरसीटीसी की वेबसाइट heliyatra.irctc.co.in से ही बुकिंग की जाएगी।
बुकिंग के लिए कोई अन्य पोर्टल या एजेंसी को जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
किसी भी मोबाइल नंबर पर बात न करें।
भुगतान भी आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही किया जाएगा।
किसी के भी क्यूआर कोड या यूपीआई आईडी पर भुगतान न करें।
ठगी की आशंका होने पर 1930 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बताएं।
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