दूरसंचार विभाग ने 2017 में टेलीकम्युनिकेशन में प्रयोग होने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरणों की अनिवार्य टेस्टिंग का नियम एमटीसीटीई लागू किया था। वहीं इलेक्ट्रानिक्स मंत्रालय इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी (रिक्वायरमेंट फार कंपल्सरी रजिस्ट्रेशन) आर्डर, 2012 के तहत लैपटाप, वायरलेस कीबोर्ड, पीओएस मशीन और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन करता है। दूरसंचार विभाग के नियम के बाद से कंपनियों को दोहरे अनुपालन का सामना करना पड़ रहा था। इस नए नियम के लागू होने की वजह से स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच की लॉन्चिंग में देरी होने की संभावना थी। इसकी वजह से केंद्र सरकार ने फोन और वॉच को अनिवार्य टेस्टिंग में छूट दी है। सरकार का कहना है कि कारोबारी सुगमता को देखते हुए दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन, स्मार्टवाच और पीओएस मशीन जैसे कुछ इलेक्ट्रानिक उपकरणों को अनिवार्य टेस्टिंग से छूट देने का फैसला किया है। इससे कंपनियों पर अनुपालन का दबाव कम होगा और कारोबार में सुगमता आएगी।
क्या होगा फायदा
उद्योग जगत एवं संगठनों की तरफ से लंबे समय से इस रेग्युलेटरी ओवरलैपिंग को खत्म करने की मांग की जा रही थी। अब मंत्रालय से विमर्श के बाद दूरसंचार विभाग ने मोबाइल यूजर इक्विपमेंट/मोबाइल फोन, सर्वर, स्मार्टवाच, स्मार्ट कैमरा, पीओएस मशीन को एमटीसीटीई से बाहर करने का फैसला किया है। इससे इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कारोबार करना आसान होगा। कंपनियां समय पर और आसानी से अपने प्रोडक्ट को बाजार में उतार सकेंगी।
क्या थी MTECTE योजना
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की तरफ से हाल ही में देश में बिकने वाली सभी 5G डिवाइस की लोकल टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन करने का ऐलान किया गया है। दूर संचार विभाग की विंग टेलिकॉम इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) की इंटरनल मीटिंग में 5G डिवाइस की अनिवार्ट टेस्टिंग और सर्टिफिकशन ऑफ टेलिकॉम इंक्विपमेंट (MTCTE) करने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत 5G इनेबल्ड स्मार्टफोन, स्मार्ट वॉच, वियरेबल स्मार्ट कैमरा की टेस्टिंग और सर्टिफिकेसन के बाद बिक्री की जा सकेगी। सभी 5G डिवाइस की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन की योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2023 से शुरू हो सकती है।