कुमाऊं में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की तस्वीर बेहद चिंताजनक है। सैकड़ों स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। हालात ये हैं कि कई स्कूल तो एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।
कुमाऊं में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की तस्वीर बेहद चिंताजनक है। सैकड़ों स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। हालात ये हैं कि कई स्कूल तो एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। एक ओर क्लस्टर स्कूल प्रणाली पर हंगामा मचा हुआ है तो दूसरी ओर सरकारी स्कूलों की यह जमीनी हकीकत चौंकाने वाली है। कुमाऊं में शिक्षकों की कमी पर पड़ताल करने पर पता चला कि मंडल के सभी छह जिलों में एलटी और प्रवक्ताओं के पांच हजार से अधिक पद रिक्त हैं। सभी जिलों में शिक्षकों की भारी कमी है। प्राथमिक जूनियर विद्यालयों से लेकर इंटर कॉलेजों तक में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। लगातार शिक्षकों की संख्या घटती जा रही है। वहीं, शिक्षा निदेशालय रिक्त पदों को भरने में सफल नहीं हो सका है।
उठ रहे सवाल
गांवों में रहने वाले बच्चों के पास न तो विकल्प हैं और न ही संसाधन। ऐसे में सरकारी स्कूल ही उनका एकमात्र सहारा हैं। शिक्षकों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई और भविष्य, दोनों ही अधर में हैं। छात्रों की कम उठ रहे सवाल संख्या, शिक्षकों की अनुपलब्धता और अभिभावकों की निराशा, ये तीन कारक कई सरकारी स्कूलों को बंद होने के कगार पर खड़ा कर चुके हैं। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुमाऊं के इन सरकारी स्कूलों में देश का भविष्य कैसे संवर रहा होगा।
किस जिले में कितने पद खाली
नैनीताल – 480,
अल्मोड़ा – 1158
चागेश्वर – 545,
पिथौरागढ़ – 1250
चंपावत – 190,
यूएस नगर -1418
कुल रिक्त पद : 5041
एलटी शिक्षकों की प्रवक्ता पद पर और प्रवक्ताओं की प्रधानाध्यापक-प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। लोक सेवा आयोग की ओर से नियुक्तियों के लिए परीक्षा कराई जानी है। जिसके बाद शिक्षकों की कमी दूर होगी। – गजेंद्र सिंह सौन, एडी माध्यमिक कुमाऊं मंडल
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