कोई काफ़ी लोगों को लगेगा ये लंगूर के हाथ में हूर कहाँ से आ गयी ? लेकिन ये सब मुस्लिमों के समाज में कोई बड़ी बात नहीं है , यहाँ औरतों को बाँधकर रखा जाता है , उनकी मर्ज़ी की कोई क़दर नहीं होती ना उनकी मर्ज़ी पूछी जाती है| इनमे औरतों को अपने लिए फैसला लेने का भी हक नहीं है.