कालेधन को सफेद करने वालों में पद्म भूषण अवार्डी और प्रसिद्ध डॉक्टर

img_20161224033730नई दिल्ली : जानेमाने ऑकोलॉजिस्‍ट और पद्म भूषण से सम्‍मानित डॉ. सुरेश आडवाणी और औरंगाबाद के हॉस्‍पिटल सिग्‍मा के मालिक डॉ. सुरेश टाकलकर के खिलाफ कालेधन को वैद्यनाथ कोऑपरेटिव बैंक में सफेद करने के मामले में केस दर्ज किया गया है।

बीजेपी सांसद और स्‍व. गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे के इस काले-सफेद के खेल का खुलासा हुआ है। प्रीतम खुद भी डॉक्‍टर हैं। उनके पिता गोपीनाथ मुंडे ने वैद्यनाथ कोऑपरेटिव बैक की शुरुआत की थी। अभी वे इस बैंक की डायरेक्‍टर हैं।चौंकाने वाली बात यह रही कि इसमें 2012 में पद्म भूषण से सम्‍मानित डॉ सुरेश आडवाणी भी हैं। इससे पहले 2002 में उन्‍हें पद्म श्री मिल चुका था। वे फ‍िलहाल औरंगाबाद के एक अस्‍पताल से जुड़े हुए हैं। वैद्यनाथ कोऑपरेटिव बैंक का ब्लैकमनी कनेक्शन सामने आऩे के बाद इस मामले में मुंबई, पुणे, औरंगाबाद और बीड में कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
सीबीआई ने शुक्रवार को वैद्यनाथ कोऑपरेटिव बैंक की दस शाखाओं पर छापे मारे और बैंक के दो मैनेजर विपिन शाह और शिरीष ठिगले को गिरफ्तारी की। मुंबई पुलिस ने दोनों बैंक मैनेजरों से 15 दिसंबर को तिलक नगर इलाके से दस करोड़ दस लाख रुपये बरामद किए थे। आयकर विभाग की शुरुआती जांच में पता चला कि पूरी रकम काला धन हैं। दोनों आरोपी मैनेजर इसे औरंगाबाद के बीड से मुंबई लाए थे।
जांच में ये भी खुलासा हुआ कि कुल रकम 25 करोड़ थी। उसमें से 15 करोड़ पहले ही महाराष्ट्र स्टेट अर्बन को ऑपरेटिव बैंक में जमा करवा दिए गए थे। उस रकम को भी जब्त कर लिया गया है। 15 दिसंबर को दोनों मैनेजर से दस करोड़ की बरामदगी के बाद बीजेपी सांसद और वैद्यनाथ बैंक की डायरेक्टर प्रीतम मुंडे ने दावा किया था कि पैसा सही है और एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच में भेजा जा रहा था।

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