कानपुर: सोसाइटी ने फर्जी कागज लगाकर बेच दी 168 करोड़ की जमीन

विशेष कार्याधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण स्वामित्व की अन्य आराजियों की भी जांच कराई जा रही है। इससे फर्जी इंट्री को चिह्नित कर केडीए के भूमि बैंक में बढ़ोतरी की जा सके।

कानपुर में पनकी, गंगागंज में कानपुर विकास प्राधिकरण की 1.68 अरब रुपये की जमीन निजी काश्तकारों व सोसाइटी ने फर्जी कागज तैयार कर बेच दी। करीब 4.5788 हेक्टेयर भूमि की खतौनी में दूसरों के नाम दर्ज है। केडीए की जांच में यह खुलासा हुआ है। पता चला है कि 68 भूखंडों की खतौनी में फर्जीवाड़ा हुआ है।

मामले में टीम गठित कर ऑनलाइन वाद दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। केडीए के विशेष कार्याधिकारी भूमि बैंक (जोन दो) डॉ. रवि प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक टीम बनाई गई थी। जिसमें नायब तहसीलदार मौजीलाल, लेखपाल जगजीवन राम व विशंभर दयाल को रखा गया। विशेष कार्याधिकारी ने बताया कि कि सभी मकानों के कागज निजी काश्तकारों (इंद्राज) की मदद से तैयार कराए गए।

सरकारी काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ होगी एफआईआर
यह पूरी तरह से फर्जी थे। अब सभी कब्जा धारकों को नोटिस जारी कर कब्जा वापस लिया जाएगा। सरकारी काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। कुल 68 जमीनें ऐसी हैं जो केडीए स्वामित्व की हैं, लेकिन इनकी खतौनी में निजी काश्तकार या सोसाइटी का नाम चढ़ा दिया गया है।

अन्य आराजियों की भी जांच कराई जा रही है
मामले में प्रभावी पैरवी कर भूमि बैंक की विशेष टीम गठित करने और अनुपालन आख्या देने को कहा है। अगर इसमें विभागीय मिलीभगत है, तो कार्रवाई करें। विशेष कार्याधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण स्वामित्व की अन्य आराजियों की भी जांच कराई जा रही है। इससे फर्जी इंट्री को चिह्नित कर केडीए के भूमि बैंक में बढ़ोतरी की जा सके।

इस तरह खुला मामला
न्यू कानपुर सिटी के साथ ही केडीए विभिन्न योजनाओं में अपनी उन जमीनों का ऑडिट करा रहा है जिसमें प्राधिकरण के स्वामित्व वाली जमीनें अब भी बची हुई हैं। इसी प्रक्रिया के दौरान केडीए के अधिकारियों की जानकारी में यह मामला सामने आया जिसमें कर्मचारियों की मिलीभगत से पनकी,गंगागंज की जमीनों पर न केवल कब्जे हुए, बल्कि फर्जी तरीके से तहसील कर्मचारियों की सांठगांठ में फर्जी खतौनी भी तैयार हो गई।

मुकदमा दर्ज कराने के आदेश
मामले में अवैध तरीके से केडीए की जमीन का इंद्राज निजी काश्तकार और सोसाइटी के नाम पर कराने पर सभी के खिलाफ मुकदमा दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा लैंड बैंक की विशेष टीम गठित कर इसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है। केडीए के स्वामित्व वाली अन्य आराजियों की भी जांच कराई जा रही है जिससे केडीए की खोई जमीन हासिल कर प्राधिकरण का लैंड बैंक बढ़ाया जा सके।

कुछ दिनों पहले भी पकड़ा गया था फर्जीवाड़ा
कुछ दिनों पहले बारासिरोही व कल्याणपुर खुर्द में केडीए अफसरों ने 57.93 करोड़ रुपये की जमीनों का फर्जीवाड़ा पकड़ा था। उन जमीनों पर भी निजी काश्तकारों की मदद से जिन लोगों ने भूखंड खरीदे थे. उनके कागज फर्जी थे। अब अफसरों ने पूरे शहर में केडीए की सभी जमीनों की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।

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