कानपुर में दक्षिण कानपुर से शहर आने जाने के लिए अहम रास्तों में शामिल जूही खलवा पुल को रेलवे अगले करीब चार महीने के लिए बंद करने जा रहा है। पुल की मरम्मत के लिए रेलवे ने ट्रैफिक पुलिस को पत्र लिखकर इसकी सूचना भी दे दी है। बताया है कि बीस-बीस दिन के अंतराल में रेलवे काम करेगा। यह काम लगभग चार महीने तक चलेगा।
रेलवे का कहना है कि खलवा पुल छह गर्डर पर टिका हुआ है। गर्डर करीब 30 साल पुराने हैं। तीन गर्डर की मरम्मत हो चुकी है। तीन जर्जर हालत में है, जिन्हें तत्काल बदलना जरूरी है। मौखिक व लिखित रूप से यह भी कहा गय है कि तत्काल न बदले जाने पर ट्रेन के डिरेलमेंट का खतरा है।
टाटमिल चौराहे व गोविंदपुरी पुल पर पहले ही ट्रैफिक का भारी दबाव है
दक्षिण को शहर से जोड़ने वाले टाटमिल चौराहे व गोविंदपुरी पुल पर पहले ही ट्रैफिक का भारी दबाव है। ऐसे में रेलवे के इस पत्र के बाद से यातायात व्यवस्था को संभालने में जुटी ट्रैफिक पुलिस के हाथ पांव फूल गए हैं। उत्तर मध्य रेलवे के रेलवे ब्रिज डिपार्टमेंट के डिप्टी चीफ इंजीनियर शैलेश कुमार ने ट्रैफिक पुलिस से अभी करीब 20 दिनों तक काम करने के दौरान ट्रैफिक डायवर्ट करने व काम शुरू करने की अनुमति देने को कहा है।
ट्रैफिक पुलिस इसे ज्यादा दिन टाल नहीं पाएगी
अनुमति मिलने पर इसी महीने काम शुरू हो जाएगा। चूंकि मामला चार महीने का है, ऐसे में ट्रैफिक पुलिस ने अभी रेलवे को काम शुरू करने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि माना जा रहा है कि रेलवे की पटरियों की समय से मरम्मत न होने पर ट्रेन डिरेलमेंट के खतरे को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस इसे ज्यादा दिन टाल नहीं पाएगी। फिलहाल ट्रैफिक की एक टीम सोमवार को खलवा पुल के बंद होने की स्थिति में वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करने के संबंध में सर्वे करेगी।
जूही खलवा पुल से हर दिन गुजरते हैं एक लाख से ज्यादा वाहन
ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों की मानें तो नौबस्ता, गोविंदनगर, बर्रा, साकेतनगर व परमपुरवा जैसे दक्षिण के इलाकों से हर रोज एक लाख से ज्यादा वाहन जूही खलवा पुल से होते हुए शहर की ओर जाते हैं। यह रास्ता बंद होता है तो सारा ट्रैफिक टाटमिल या गोविंदपुरी पुल की ओर डायवर्ट करना पड़ेगा। चूंकि दोनों ही रास्ते पहले से ही ट्रैफिक के बोझ तले दबे हुए हैं। ऐसे में अचानक एक लाख से ज्यादा वाहनों का अतिरिक्त बोझ बढ़ने से हालात बेकाबू होना तय है।
अभी क्या है टाटमिल व गोविंदपुरी पुल की स्थिति
टाटमिल चौराहे से होकर हर रोज तकरीबन चार से पांच लाख वाहन गुजरते हैं। इन वाहनों की वजह से इस चौराहे पर औसतन हर दिन जाम लगता है। किसी भी ओर से इस व्यस्त चौराहे को पार करने वाले वाले वाहनों को औसतन दस से पंद्रह मिनट का समय लगता है। वहीं, दादानगर रेलवे क्रासिंग बंद होने की वजह से पहले ही गोविंदपुरी पुल चौराहे पर यातायात का दबाव दोगुना हो चुका है।
जरीब चौकी पर भी बढ़ेगा दबाव, पूरा जीटी रोड होगा प्रभावित
जूही खलवा बंद होने पर अगर ट्रैफिक पुलिस वाहनों को गोविंदपुरी की ओर डायवर्ट करती है तो इससे जरीब चौकी चौराहे पर भी दबाव बढ़ जाएगा। पहले ही वहां औसतन चौबीस में से चौदह घंटे तक जाम की स्थिति रहती है। ऐसे में टाटमिल पार कर गोविंदपुरी की ओर से शहर में दाखिल होने की कोशिश करने वाले वाहनों जरीब चौकी पर जमावड़ा पूरे जीटी रोड पर यातायात प्रभावित कर देगा। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अगर वाहन चालक जरीब चौकी के रास्ते गोविंदपुरी-हैलट रोड पर नहीं जाते हैं तो गुमटी से लेकर गोल चौराहे तक दबाव बढ़ा देंगे। वहीं, फजलगंज चौराहे पर भी दबाव बढ़ेगा।
रेलवे ने जूही खलवा पुल की मरम्मत के लिए यातायात रोकने के संबंध में पत्र भेजा है। अभी अनुमति नहीं दी गई है लेकिन रेलवे को मंजूरी देने के बाद टाटमिल, गोविंदपुरी समेत कई चौराहों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ सकता है। वैकल्पिक रास्तों को लेकर सर्वे किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि लोगों को कम से कम परेशानी हो। -सलमान ताज पाटिल, डीसीपी ट्रैफिक
इन प्रमुख स्थानों पर बढ़ जाएगा दबाव
टाटमिल चौराहा
गोविंदपुरी पुल
फजलगंज चौराहा
जरीब चौकी क्रासिंग
अफीम कोठी तिराहा
हैलट तिराहा
पूरा जीटी रोड