तीन लाख रुपए से अधिक का गेहूं और धान हर साल सरकारी क्रय केंद्रों को बेचने वाले कानपुर के लखपति किसान भी हर महीने मुफ्त का राशन उठा रहे हैं। खाद्य आयुक्त एवी राजमौलि ने रिव्यु किया तो 834 लखपति किसानों के गलत तरीके से राशन कार्ड बने होने की पुष्टि हुई। डीएसओ को जांच के निर्देश दिए गए हैं।
इस बात का खुलासा होते ही अब राशन कार्ड निरस्त करके रिकवरी को कहा गया है। डीएसओ ने जांच शुरू करा दी है। गेहूं व धान की खरीद पूरी होने के बाद खाद्य आयुक्त ने खरीद का रिव्यु किया। इसमें किसानों की ओर से लगाए गए दस्तावेजों की जांच कराई गई। 834 कार्ड से गलत तरीके से राशन उठने की जानकारी हुई। डीएसओ अखिलेश श्रीवास्तव के मुताबिक पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्डों की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आते ही सभी के कार्ड निरस्त किए जाएंगे।
बिना जांच बना दिए राशन कार्ड
जांच करने वाले अफसर व कर्मचारियों ने सिर्फ किसान देखकर ही राशन कार्ड बना दिया। जमीन समेत अन्य जानकारी तक नहीं देखी गई। लखपति किसानों की सूची में तीन से लेकर 10 लाख रुपए तक धान व गेहूं क्रय को बेचने वाले किसान शामिल हैं।