जाने माने मशहूर अभिनेता कादर खान का आज ही के दिन जन्म हुआ था। 90 के दशक का हर वो बच्चा जो बॉलीवुड मूवीज को देखते हुए बड़ा हुआ हो वो कादर खान नाम से परिचित ना हो, ये सम्भव ही नहीं हैं। क्योंकि वो ही वक़्त ऐसा था जब कादर खान हँसी का पर्याय बन चुके थे, उनका मूवी में होने का अर्थ ही ये था कि मूवी में 5 से 10 सीन अवश्य कॉमेडी के होंगे। जबकि नकारात्मक भूमिका के साथ भी कादर खान ने हमेशा इन्साफ किया हैं। इस प्रकार से कादर खान ने बॉलीवुड की मूवीज में विभिन्न छोटे-बड़े किरदार निभाकर ऑडियंस में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई हैं। कादर खान एक लोकप्रिय अभिनेता होने के साथ-साथ कॉमेडियन, स्क्रिप्ट तथा डाइलोग राइटर भी हैं।
वही कादर खान की व्यस्तता तथा बच्चों की परवरिश के सन्दर्भ में सरफराज ने एक बार मीडिया को बताया था, कि जब वो छोटे थे तब वो अपने पिता के साथ सेट पर नही जाते थे। क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि उनके बच्चे अध्ययन को बीच में छोडकर मूवीज में आए, वो हमेशा पहले पढाई अच्छे से समाप्त करने को प्रेरित करते थे, उनका इस मामले में अनुशासन इतना कठोर था कि हमें फिल्मी मैगजीन पढने से भी रोका जाता था।
साथ ही सरफराज़ ने कहा कि वो हमेशा से अभिनय करना चाहते थे, जब मैं छोटा था तब मैं टीवी देखता था, मैं अपने पिता को टीवी पर देखता था तथा रोमांचित फील करता था। मेरे पिता तब हफ्ते में 5 दिन काम करते थे या फिर महीने भर के शेड्यूल के लिए बाहर जाते थे, ऐसे में हमारी माँ हमारा ख्याल रखती थी। इस वजह से मैं ये नहीं कह सकता कि मेरे पिता एक लोकप्रिय अभिनेता तथा काम में व्यस्त होने की वजह से हमारा ध्यान नहीं रख पाते थे, सच तो ये हैं कि वो जब भी हमें आवश्यकता होती हमेशा हमारे पास होते थे, वो अगर 5 मिनट भी हमारे साथ गुजरते तो उनका वो वक़्त क्वालिटी टाइम ही होता था।