कांग्रेस बोली अपने गाल पर खुद तमाचा मार रहे हैं जेटली

वित्तमंत्री अरुण जेटली को आईना दिखाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने उन्हें नसीहत दी है। आनंद शर्मा ने वित्त मंत्री के दावे पर कहा कि वह खुद अपने गाल पर तमाचा मार रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री पढ़े-लिखे आदमी हैं। उनको जिम्मेदारी से बोलना चाहिए। वह हिंदुस्तान जैसे देश के वित्तमंत्री हैं और उन्हें ऐसी कोई बात नहीं कहनी चाहिए, जिससे दुनिया भर की एजेंसियां और लोग चौंक जाएं।
कांग्रेस बोली अपने गाल पर खुद तमाचा मार रहे हैं जेटली झूठ बोल रहे हैं वित्त मंत्री
आनंद शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री झूठ बोल रहे हैं। वह कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुनियादी ढांचा मजबूत है। यह सरासर गलत है। दूसरा, उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्‍था है। आनंद शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री का यह कथन तथ्यात्मक रूप से गलत है। पिछली छह तिमाही से देश की जीडीपी लगातार घट रही है।

पिछली तिमाही के अनुसार 5.7 फीसदी का अनुमान व्यक्त किया गया, जबकि यह नई मेथडॉलॉजी पर आधारित है। यदि पुराने हिसाब से गणना की जाए तो यह 3.7-4 फीसदी की होगी। शर्मा कहते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्‍था भारत से पांच गुना बड़ी है और 6.9 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है,  इसलिए भारत के वित्त मंत्री को सोचकर, शब्द तौलकर मुंह खोलना चाहिए।
 
मायाजाल में फंसा रहे हैं जेटली
सरकार के अधिकारियों, आर्थिक सलाहकार आदि की टीम को लेकर देश के वित्तमंत्री जनता को मायाजाल में फंसा रहे हैं। आनंद शर्मा ने कहा कि वह हकीकत पर पर्दा डालकर देश को गुमराह कर रहे हैं। सात लाख करोड़ के हाईवे प्रोजेक्ट को वे ऐसा दिखा रहे हैं, जैसे इसे मौजूदा सरकार ने किया है।

आनंद शर्मा ने कहा- देश की अर्थव्यवस्‍था की हालत ठीक नहीं है

इससे देश में बड़ा परिवर्तन आ जाएगा और मौजूदा सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के साथ किया गया अन्याय दूर हो जाएगा। 34 हजार किलोमीटर की भारत परियोजना पहले बनाई गई थी। 9 हजार किलोमीटर की औद्योगिक कॉरिडोर योजना की घोषणा यूपीए सरकार के समय की है। आर्थिक गलियारा योजना यूपीए सरकार के समय में घोषित हुई थी। इसी तरह से वित्त मंत्री ने दो लाख नौ हजार करोड़ के भारत माला प्रोजेक्ट के जारी होने वाले बांड की स्थिति भी स्पष्ट नहीं की है।

अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं

आनंद शर्मा के अनुसार देश की अर्थव्यवस्‍था की हालत ठीक नहीं है। निवेश का अनुकूल माहौल नहीं है। उत्पादन गिरा है, रोजगार की दशा बेहद खराब है, बाजार में पैसा नहीं है, जीडीपी छह तिमाही से लगातार गिर रही है।

असंगठित क्षेत्र में रोजगार का असर 33 प्रतिशत की दर से नीचे गिरा है। 47 प्रतिशत जीडीपी का कर्जा है। साढ़े सात लाख करोड़ का एनपीए का आंकड़ा है। यह सही है कि इसी के साथ 400 बिलियन डॉलर का विदेशी भंडार है, लेकिन सरकार के मुद्रा विमुद्रीकरण और उसके बाद अव्यावहारिक तरीके से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के फैसले ने देश को बहुत बड़ा आर्थिक आघात पहुंचाया है।

 
 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com