अभिषेक मनु सिंघवी ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री की 2003-2007 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान की गई करीब 100 हवाई यात्रा का ब्यौरा देते हुए सवाल उठाया है।
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने यह यात्राएं चाटर्ड प्लेन से की है। इनमें से चार विदेश यात्राओं का भी जिक्र है। सिंघवी के अनुसार रेन एयर सर्विस, ओरिएंट फ्लाइंग स्कूल, वीडियोकॉन, सेंचुरी, आडानी और रिलायंस के निजी विमान से यह यात्राएं हुई हैं।
कांग्रेस का पहला सवाल है कि प्रधानमंत्री और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री उस समय संवैधानिक पद पर थे। ऐसे में यह एक बड़ा सवाल है कि उनके इस घरेलू और विदेशी चाटर्ड हवाई यात्रा का भुगतान किसने और क्यों किया? क्या मुख्यमंत्री मोदी जी को यह यात्राएं उपहार (गिफ्ट) में थी? मुख्यमंत्री एक भी यदि एक भी पैसा लेता है तो वह गिफ्ट में आता है। इसका कही उल्लेख नहीं है? ऐसे में यह भी एक बड़ा सवाल है कि किस अधिकार से तत्कालीन मुख्यमंत्री ने यह गिफ्ट लिया? इसका पूरा ब्योरा क्या है?
साथ जाने वाले उद्योगपतियों में टोरंट के मालिक सुधीर मेहता, परिमल नाथानी, पंकज पटेल, प्रसाद मेनन (टाटा), हरिहरण (आईएलएफएस), निखिल मेसवानी (रिलायंस), राजीव ज्योति, गौतम आडाणी, परेश दवे, एचके पटेल, बीके गोयनका आदि शामिल हैं।
अभिषेक सिंघवी के अनुसार इन यात्राओं को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की अनुमति ली जानी चाहिए। जहां तक मेरी जानकारी है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। इन विदेश यात्राओं के दौरे पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल पूछा है।