उन्होंने कहा कि वह कोई नई भाषा सीखने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अगर लोग कन्नड़ नहीं सीखेंगे तो इसका मतलब होगा कि वह इसका अपमान कर रहे हैं। सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि कर्नाटक के हर स्कूल को वहां पढ़ने आने वाले छात्रों को कन्नड़ सिखानी चाहिए। कार्यक्रम से पहले मोदी ने ट्वीट के जरिए कर्नाटक राजोत्सव की बधाई दी थी।
कर्नाटक में एक नवंबर के दिन को हर साल कन्नड़ राजोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। 1956 में इसी दिन दक्षिण भारत के कन्नड़ बोलने वाले प्रदेशों को मिलाकर कर्नाटक बनाया गया था।