उत्तर प्रदेश के आगरा में मां के कंकाल के साथ मृत मिली बेटी की मौत का असली सच उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आ गया। मामला, आगरा के अर्जुन नगर का है। वीना अग्रवाल (55) के शव के पोस्टमार्टम से पता चला कि उनकी मौत फेफड़ों में संक्रमण हो जाने से हुई।
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इस मामले में नया मोड़ सामने आया है कि मृत विमला अग्रवाल के पिता गोपाल दास अग्रवाल की गिनती अपने जमाने के बड़े सेठों में होती थी। रावतपाड़ा में आलीशान उनका मकान था। विमला की ससुराल दौलत और शोहरत के मामले में मायके से भी आगे है। उनका विवाह इलाहाबाद के बेहद प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। पति कैलाश चंद बड़े गल्ला व्यापारी थे।जेठ बालमुकुंद सिरसा नगर पंचायत के चार बार चेयरमैन रहे। उनके बाद भतीजे भानू प्रकाश दो बार चेयरमैन रहे। वह इलाहाबाद अग्रवाल सभा के अध्यक्ष भी रहे। परिवार सपा से जुड़ा है। यह जानकारी उनके दूसरे भतीजे एवं बाल मुकुंद के बेटे श्यामकांत अग्रवाल के मंगलवार दोपहर आगरा पहुंचने पर मिली। उन्होंने बताया कि विमला की शादी 1955 में हुई थी।
ससुराल इलाहाबाद के मेजा में है और भवन पीली कोठी के नाम से जाना जाता है। इस बीच तीन साल बाद ही उनके पति कैलाश चंद का बीमारी से निधन हो गया। उनकी एक ही बेटी वीना थी। उसे लेकर विमला आगरा आ गईं। उन्होंने ससुराल में आना जाना भी नहीं रखा।कैलाश चंद तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। बाल मुकुंद सबसे बड़े और मोतीचंद दूसरे नंबर के थे। सभी के बड़े कारोबार थे। श्यामकांत खुद भट्ठा व्यवसायी हैं। उन्होंने बताया कि उनकी चाची विमला के मामा डा. बीबी अग्रवाल इलाहाबाद के बेहद प्रतिष्ठित डाक्टर हैं।
उनके सृजन और वात्सल्य नाम से हास्पिटल हैं। पिछले दिनों जीवन ज्योति हास्पिटल के जिन डाक्टर एके बंसल की हत्या की गई, वह भी उनके रिश्तेदार थे। विमला की ससुराल अरबपति मानी जाती है और मायका भी करोड़पति था। लेकिन उनकी जिंदगी उस मकान में कटी जिसमें बिजली का कनेक्शन तक कटा हुआ था।
श्यामकांत अग्रवाल अर्जुन नगर के उस जर्जर मकान में पहुंचे जहां उनकी चाची विमला और चचेरी बहन वीना रह रही थीं। हालात देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। सिर पकड़कर वहीं पर बैठ गए। बहुत देर गुमसुम रहे। फिर बोले, तो सिर्फ इतना। हे भगवान, ये क्या हो गया। ऐसे हाल में तो हमारे नौकर भी नहीं रहते। विमला के ससुराल पक्ष से उनका भतीजा पहुंच गया लेकिन मायके से कोई नहीं आया। मायका शहर के ही रावतपाड़ा में बताया गया है। घर में ससुराल से आई एक चिट्ठी मिली थी लेकिन मायके से पत्राचार का कोई साक्ष्य नहीं मिला। उनके पिता और भाई पैसे वाले बताए जाते हैं लेकिन अभी तक किसी ने भी पुलिस से संपर्क नहीं किया है।