अपने जानने वालों के बीच ली को ‘सुपरमैन’ के नाम से जाना जाता है. बिजनेस मार्केटिंग के क्षेत्र में उनके लिए निर्णय बाजार के ट्रेंड सेटर बने. इसी साल जुलाई में 90 साल के होने वाले ली ने मीडियाकर्मियों से खचाखच भरे अपनी कंपनी के सभागार में बताया, ‘वे आगामी 10 मई को कंपनी की वार्षिक जनरल मीटिंग में रिटायर होंगे.’ हांगकांग के इस अरबपति ने आगे कहा कि वह कंपनी को ‘वरिष्ठ सलाहकार’ के रूप में अपनी सेवाएं देते रहेंगे. ली के बाद उनकी इस प्रतिष्ठित कंपनी को उनके बड़े बेटे विक्टर संभालेंगे. ली का-सिंग की कंपनी हचिंसन का कारोबार दुनिया के 50 देशों में फैला हुआ है. यूरोप के साथ इस कंपनी के सर्वाधिक कारोबार होते हैं. ली की कंपनी शेंग कांग इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और विकास के क्षेत्र में चीन, ब्रिटेन, कनाडा और अन्य देशों में कारोबार करती है.

विवादित मुद्दों से खुद को किनारे रखा

अपने रिटायरमेंट के जैसी महत्वपूर्ण घोषणा करते वक्त ली का-सिंग ने विवादित मुद्दों से दूरी बनाए रखी. खासकर चीन के साथ हांगकांग के संबंधों जैसे मुद्दों पर उन्होंने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. शुक्रवार को प्रेस के साथ बातचीत के वक्त ली ने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के आजीवन सत्ता में बने रहने को लेकर बन रही संवैधानिक व्यवस्था के मुद्दे पर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया. इसके बजाए उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे वोट देने का अधिकार मिलेगा तो मैं उन्हें वोट दूंगा.’ हालांकि उन्होंने हांगकांग की आवासीय व्यवस्था में सुधार करने के मुद्दे पर मीडिया से जरूर बात की.

हांगकांग में प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों पर भी बात की

हांगकांग में प्रॉपर्टी की कीमतें अत्यधिक महंगी हैं. वहां पर घर लेना आसान नहीं है. हांगकांग में प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि ली की ही कंपनी सी.के. एसेट की एक बहुमंजिली इमारत पिछले साल 5 बिलियन डॉलर में बिकी थी. इस पर भी ली का-सिंग ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘हांगकांग में आम आदमी के लिए घर एक सपना सरीखा है. आम नागरिक की आमदनी इतनी नहीं है कि वह घर खरीद सके या कई बार तो किराए पर लेना भी आसान नहीं है. हमें पब्लिक हाउसिंग की दिशा में कदम बढ़ाना होगा. आम आदमी की जरूरतों पर ध्यान देना होगा. इस समस्या को सुलझाकर ही हम इस कठिनाई से पार पा सकेंगे.’