भारत के अलग-अलग हिस्सों में जारी किसानों के प्रदर्शन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो समेत कई नेताओं ने टिप्पणी की है. अब इसपर भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है. भारत ने इस तरह की टिप्पणी को गैर जरूरी करार दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने कुछ कनाडा के नेताओं के भारत के किसानों के बारे में कमेंट सुने हैं. ऐसे बयान गैर जरूरी हैं, वो भी तब जब किसी लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मुद्दों से जुड़े हो. साथ ही ये भी जरूरी है कि डिप्लोमेटिक बातचीत को किसी राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाए.
आपको बता दें कि गुरु नानक जयंती के अवसर पर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सिख समुदाय को संबोधित किया. इसी दौरान उन्होंने भारत में किसानों के प्रदर्शन पर चर्चा की और कहा कि भारत में हालात काफी चिंताजनक हैं.
जस्टिन ट्रूडो ने अपनी टिप्पणी में इस बात का जिक्र किया कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के हक की बात करता है, लेकिन भारत में जो हो रहा है उसको लेकर वहां की सरकार से चर्चा की गई है.
सिर्फ कनाडाई पीएम ही नहीं बल्कि कनाडा सरकार के कई मंत्री और अन्य नेताओं ने भी भारत में किसान प्रदर्शन के मुद्दे को उठाया था. कनाडा के अलावा ब्रिटेन के कुछ नेताओं ने भी ट्वीट कर किसानों पर हुए एक्शन की निंदा की है.
दरअसल, पंजाब से बड़ी संख्या में लोग कनाडा में जाकर बसते हैं और सिखों की कनाडा की राजनीति में अहम भूमिका है. ऐसे में अगर पंजाब में कुछ राजनीतिक हलचल होती है, तो कनाडा में उसपर प्रतिक्रिया आती है.
विदेश मंत्रालय से पहले बीजेपी नेता राम माधव ने भी कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी पर सवाल खड़े किए थे. और ट्वीट करते हुए लिखा था कि क्या ये किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों में दखल करना नहीं हुआ.