चीन लगातार अपना दायरा बढ़ाता जा रहा है। एशिया और यूरोप को साधने के बाद अब वो आगे बढ़ गया है। उसकी नजरें कनाडा पर लगी हैं। वहीं कनाडा की बात करें तो वो अमेरिका का सहयोगी होने के साथ-साथ चीन का विरोधी भी है। यही वजह है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि चीन कनाडा और उनके इंस्टिट्यूशंस के खिलाफ एग्रेसिव गेम्स खेल रहा है।
इस बात की है आशंका
उन्होंने इस बात की आशंका जताई है कि चीन देश के चुनाव में घुसपैठ करने की साजिश रच रहा है। पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान देश में खलबली मचाने का काम किया है। उनका ये बयान उस खबर को लेकर सामने आया है जिसमें स्थानीय न्यूज ब्राडकास्टर ने बताया था कि चीन ने क्लैंस्टाइन नेटवर्क को अपने निजी हितों को साधने के मकसद से फंड मुहैया करवाया है। कनाडा की विभिन्न एजेंसियों ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है। कनाडा की मीडिया में यहां तक कहा गया है कि अपने हितों को साधने के लिए चीन ने अपने पुलिस अधिकारियों को कनाडा भेजा है जो चीन के मंसूबों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।
बेवजर नहीं है बयान
कनाडा के पीएम की तरफ से दिया गया बयान बेवजह नही है। दरअसल, चीन नहीं चाहता है कि उसकी विरोधी सरकार कनाडा में दोबारा आए। चीन चाहता है कि कनाडा में एक ऐसी सरकार बने जो उसके प्रति नरम हो और उसको कनाडा में पांव पसारने का मौका दे। दरअसल, इन सभी कवायदों के पीछे चीन का केवल एक मकसद है कि वो विश्व की महाशक्ति बनना चाहता है और अमेरिका का वर्चस्व खत्म करना चाहता है। पीएम ट्रूडो का कहना है कि चीन के चुनाव में धांधली कराए जाने की आशंका के मद्देनजर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
कई कदम उठाए
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने और इसको मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पूरे सिस्टम में इसको लेकर बदलाव किए गए हैं। ट्रूडो के मुताबिक चीन लगातार देश के खिलाफ काम कर रहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि चीन ही नहीं दुनिया के कई देश इस तरह की कवायद पूरी दुनिया में कर रहा है। कनाडा के खिलाफ भी यही मुहिम चलाई जा रही है।
कनाडा की लोकतांत्रिक व्यवस्था में चीन की घुसपैठ
एएफपी के मुताबिक जस्टिन ट्रूडो के दिए बयान पर एक अधिकारी ने कहा कि चीन कनाडा की लोकतांत्रिक व्यवस्था में घुसपैठ कर अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। चीन की कोशिश इसको बेपटरी करने की है। कनाडा की मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बीजिंग ने ओंटोरिया के सांसद और कुछ अन्यों को इसके लिए सीधे फंड ट्रांसफर किया है। रिपोर्ट्स में ऐसे करीब 11 सांसदों की तरफ इशारा किया गया है जो चीन के बहकावे में आ गए हैं। चीन इन सांसदों का साथ देश की सरकार के खिलाफ दे रहा है। चीन ने इसके लिए कनाडा में अपने एजेंट भी तैनात किए हैं। पिछले माह ही कनाडा की पुलिस ने इसको एक क्रिमिनल एक्टिविटी बताते हुए इस पर नजर रखने की बात कही थी।
स्पेन की संस्था ने भी किया इशारा
स्पेन की एक मानवाधिकार संस्था सेफगार्ड डिफेंडर्स ने भी इस ओर इशारा किया है। इस संस्था ने ये भी कहा है कि चीन ने अपने नागरिकों को फिलहाल कनाडा से वापस जाने की हिदायत दी है। चीन ने आशंका जताई है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामलों में कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि चीन ने कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि ऐसा केवल उन लोगों के लिए कहा गया है जिनके कुछ जरूरी दस्तावेजों को रिन्यूवल की जरूरत है और जो विदेशों में रह रहे हैं।