कतर में भारतीय इंजीनियर की गिरफ्तारी, परिवार ने सरकार से मांगी मदद

टेक महिंद्रा के कतर कंट्री हेड अमित गुप्ता को वहां की पुलिस ने इस साल 1 जनवरी को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद से वह जेल में ही बंद हैं। उनका परिवार उनकी रिहाई के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में दोनों देशों के अधिकारियों के साथ संपर्क स्थापित किया जा रहा है।

आईटी दिग्गज टेक महिंद्रा के कतर स्थित कंट्री हेड अमित गुप्ता को इस साल 1 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। वर्तमान में वह जेल में हैं। जानकारी के अनुसार अमित गुप्ता पर डेटा चोरी का आरोप लगाया गया है। इसी मामले की जांच के संबंध में उनको हिरासत में लिया गया है।

दरअसल, अमित गुप्ता कतर में आईटी दिग्गज टेक महिंद्रा के कंट्री हेड हैं। स्थानी सुरक्षा एजेंसियों ने उनके खिलाफ डाटा चोरी का आरोप लगाया है। 1 जनवरी से ही वह जेल में बंद हैं। उनका परिवार उनकी रिहाई के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। वहीं, इस मामले में टेक महिंद्रा का बयान भी सामने आया है। कंपनी ने कहा कि कर्मचारी के परिवार से साथ संपर्क लगातार बनाए हुए हैं।

तीन महीने से जेल में हैं कंट्री हेड
जानकारी दें कि अमित गुप्ता मूल रूप से गुजरात के वडोदरा के रहने वाले हैं। वह आईटी दिग्गज टेक महिंद्रा के कतर कंट्री हेड हैं। जनवरी में स्थानीय अधिकारियों ने उनके ऊपर डाटा चोरी के आरोप में हिरासत में लिया गया है। इसके बाद उनका पूरा परिवार उनकी रिहाई के लिए तमाम प्रयास कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कतर में भारतीय दूतावास अमित गुप्ता के परिवार और कतर के अधिकारियों के साथ मिलकर इस पूरी समस्या के निवारण में लगा है।

टेक महिंद्रा ने क्या कहा?
बता दें कि इस मामले में टेक महिंद्रा का बयान सामने आया है। टेक महिंद्रा के प्रवक्ता ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए बताया कि वह परिवार के साथ निकट संपर्क में हैं। परिवार को कंपनी की ओर से आवश्यक सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। दोनों देशों के अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रहे हैं और इसके साथ उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। कंपनी ने कहा कर्मचारी की भलाई सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

अमित के परिवार ने क्या कहा?
अमित गुप्ता साल 2013 में वडोजरा से कतर की राजधानी दोहा चले गए थे। वहां पर उन्हें इसी साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को हिरासत में ले लिया गया था। उनकी मां पुष्पा गुप्ता ने इस संबंध में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में लेने के बाद करीब 48 घंटों तक हिरासत में बैठाए गए रखा था।

बाद उनको एक कमरे में शिफ्ट कर दिया गया था। अब उन्हें तीन महीनों से वहीं पर रखा गया है। वहीं, पूछे जाने पर कि हिरासत में लेने की वजह क्या है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कंपनी में किसी ने कुछ किया होगा, जिस कारण उनको (अमित गुप्ता) को इसलिए गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि वे कंपनी के कंट्री हेड हैं।

केवल पांच मिनट कॉल करने की अनुमति
बता दें कि अमित गुप्ता की मां ने एक साक्षात्कार में बताया कि हर बुधवार को उनके पास बेटे का कॉल आता है। यही उनके बेटे से संपर्क स्थापित करने का एकमात्र साधन है।

उन्होंने बताया कि वह हाल के दिनों में ही दोहा गए थे। जहां पर वे करीब एक महीने तक रहे। वहीं, भारतीय राजदूत के हस्तक्षेप के बाद अमित गुप्ता से उनकी मां की मुलाकात हो सकी। अमित ने अपने परिवार को बताया कि वह किस दौर से गुजर रहे हैं। अमित के परिवार की मदद के लिए वडोदरा के सांसद हेमंग जोशी आगे आए और उन्होंने अमित की मां और परिवार से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह सरकार से समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे।

सरकार का क्या कहना है?
ध्यान देने वाली बात है कि इस मामले में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बताया कि कतर में भारतीय दूतावास अमित गुप्ता के परिवार की मदद कर रहा है। सूत्रों की मानें तो कतर में हमारा दूतावास एक भारतीय नागरिक अमित गुप्ता को कतर के अधिकारियों द्वारा चल रही जांच के सिलसिले में हिरासत में लिए जाने के बारे में जानता है।

यह मिशन नियमित आधार पर परिवार, अमित गुप्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील और कतर के अधिकारियों के संपर्क में है। हमारा दूतावास इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान करना जारी रखे हुए है और मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए है।

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