गरीब परिवार के बच्चों के लिए आज भी शिक्षा एक सपने की तरह ही है। गरीब परिवारों के बच्चों के लिए आज के वक्त में भी शिक्षा हासिल करना उतना आसान नहीं जितना अन्य बच्चों के लिए है।
कचरा संग्रहण वाले इन बच्चों की शिक्षा के लिए आरती डोगरा ने हिंदुस्तान जिंक की मदद ली है। आरती डोगरा की यह पहल अन्य अफसरों के लिए एक उदाहरण है। कल तक जो बच्चे स्कूल जाने का सपना लिए अपने कंधो पर कचरे का झोला लेकर चलते थे। वो अब अपने सपने को सच होता हुआ देख रहे है। कंधों पर स्कूल बैग लिए इन बच्चों ने अपने सपने को साकार करने की शुरूआत की है।