...और मुलाकात के दौरान छलक आईं थी शशि कपूर की आंखें
...और मुलाकात के दौरान छलक आईं थी शशि कपूर की आंखें

…और मुलाकात के दौरान छलक आईं थी शशि कपूर की आंखें

देहरादून: ‘वो व्हील चेयर पर बैठे थे, मैं करीब डेढ़ घंटे उनके साथ रहा। अस्वस्थ होने के कारण वो ज्यादा बोल भी नहीं पा रहे थे, लेकिन जब मैंने बताया कि मैं उत्तराखंड से आया हूं तो बोले कि अच्छा, मैंने नैनीताल, देहरादून और ऋषिकेश में फिल्मों की शूटिंग की थी। ये बोलते हुए वह भावुक हो गए और उनकी आंखें छलक आईं। लेकिन, न तो मैं इस बारे में पूछ पाया और न उन्होंने कुछ बताया कि भावुक होने का कारण क्या था’। अभिनेता शशि कपूर के निधन की बात सुनते ही कुछ इन्हीं शब्दों में खंड शिक्षाधिकारी रुड़की के पद पर तैनात श्रीकांत पुरोहित ने अपनी यादें साझा की। वह दो साल पहले शशि कपूर से मुंबई के जुहू स्थित उनके आवास पर मिले थे। तब श्रीकांत पुरोहित एससीईआरटी में सहायक निदेशक थे। ...और मुलाकात के दौरान छलक आईं थी शशि कपूर की आंखें

उन्होंने बताया कि शशि कपूर की पतंगा, शान, दीवार, सिलसिला आदि फिल्में तो सभी ने देखी होंगी। लेकिन, अगर उनके अभिनय की गंभीरता और आत्मीयता को देखना है आर्ट फिल्मों जैसे 36 चौरंगी लेन, न्यू देहली टाइम्स, शेक्सपियर वल्लाह, द हाउस होल्डर में झलकती है।

वो बोले कि ‘मैंने जब उनकी इन फिल्मों को देखा तो उनका बड़ा फैन हो गया और दिल में चाहत थी कि एक न एक दिन उनसे जरूरत मिलूंगा’। बताया कि दो साल पहले किसी काम से मुंबई गया। पहले पृथ्वी थिएटर को देखा, जाना। लेकिन, लग रहा था कि इतने बड़े आदमी से मिलना मुमकिन नहीं। खैर, मैंने प्रयास किया। मेरे पास जिलाधिकारी का दिया एक परिचय पत्र था। मैंने उनके निजी स्टाफ को इसे दिखाया तो मुझे उनके कक्ष तक ले जाया गया। श्रीकांत पुरोहित ने बताया कि शशि कपूर ने अपनी फिल्मों की कई सीडी उन्हें उपहार के रूप में दी। इनमें कुछ फिल्में तो ऐसी थी, जो किन्हीं कारणों से रिलीज भी नहीं हुई थी। शशि कपूर के निधन से एक ऐसा शून्य पैदा हुआ है, जिसे शायद कभी नहीं भरा जा सकेगा। बताया कि वह मुख्यधारा के सिनेमा के नायकों की भीड़ से बिल्कुल अलग खड़े नजर आते थे। 

शशि-जेनिफर ने साथ किया था मसूरी में अभिनय 

सदाबहार अभिनेता शशि कपूर के निधन से उनके प्रसंशकों में उदासी है।  मसूरी के वैवरली कॉन्वेंट स्कूल की पूर्व शिक्षिका बीना भारद्वाज ने बताया कि 1960 के दशक में शेक्सपिरियाना नामक नाटक कंपनी मसूरी आई थी। जो शेक्सपियर की रचनाओं पर नाटकों का मंचन करती थी। एक बार मसूरी के वैवरली कॉन्वेंट स्कूल में कंपनी की ओर से नाटक का मंचन किया गया था, जिसमें शशि कपूर ने भी अभिनय किया था। शशि कपूर के साथ इस नाटक में जेनिफर भी थी, जिनसे आगे जाकर शशि कपूर ने शादी की। जेनिफर शेक्सपिरियाना कंपनी के मालिक मिस्टर केंडिल की बेटी थी। 

मुख्यमंत्री ने जताया शोक 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अभिनेता शशि कपूर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सीएम ने कहा कि शशि कपूर के जाने से हिंदी फिल्म जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। शशि कपूर हमेशा कलाकारों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। 

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