गुजरात में चुनाव प्रचार तेज है. पहले चरण की वोटिंग में अब बमुश्किल 4 दिन ही बचे हैं लेकिन चक्रवाती तूफान के असर ने नेताओं की चिंता बढ़ा दी है. चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ ने महाराष्ट्र के बाद गुजरात का भी रुख कर लिया है. इस वजह से चुनाव प्रचार पर खासा असर पड़ा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह की मंगलवार को राजुला, माहुवा और शिहोर में रैलियां थी जिन्हें रद्द करना पड़ा है.
ओखी तूफान की वजह से इन इलाकों में तेज बारिश हो रही है और हवाएं चल रही हैं. इस वजह से यहां हेलिकॉप्टर उतरना आसान नहीं है. इसी वजह से रैली को रद्द किया गया है. बता दें कि गुजरात में पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को वोटिंग होनी है. चुनाव आयोग की गाइडलाइन के हिसाब से 7 दिसंबर को इसके लिए प्रचार बंद हो जाएगा. प्रचार के लिए अब दो दिन ही शेष हैं. ऐसे में अमित शाह की रैली का रद्द होना बीजेपी पर असर भी डाल सकता है. बता दें कि पीएम मोदी ने भी सोमवार को गुजरात में कई रैलियों को संबोधित किया था. दूसरी तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को गुजरात में ही रहेंगे, वह पूरे दिन कई सभाओं को संबोधित करेंगे.
प्राकृतिक आपदाओं पर मोदी का कांग्रेस पर वार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ओखी के कल राज्य के तट पर पहुंचने पर कहा कि केंद्र और गुजरात की बीजेपी सरकारें स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अतीत में प्राकृतिक आपदाओं से ‘सही ढंग से नहीं निपटने पर’ कांग्रेस पर कटाक्ष किया. चक्रवात ओखी के मंगलवार मध्यरात्रि गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने की संभावना है जिससे तेज हवाएं और भारी बारिश हो सकती है.
कांग्रेस पर निशाना साधते प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी केदारनाथ में 2013 के भूकंप सहित प्राकृतिक आपदाओं से सही ढंग से निपट नहीं सकी. मोदी ने तटीय जामनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘बीजेपी सरकार (गुजरात में) 2001 के भुज भूकंप सहित सभी प्राकृतिक आपदाओं से निपटी और चक्रवात ओखी के लिए भी पूरी तरह से तैयार है.’
चक्रवात ओखी से प्रभावित 1,540 लोगों को बचाया गया
केंद्र सरकार ने बताया है कि तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप में चक्रवात ओखी से प्रभावित 1,540 लोगों को कई एजेंसियों ने सुरक्षित बचाया है, जिनमें मछुआरे भी शामिल हैं. मंत्रिमंडल सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता में नेशनल क्राइसीस मैनेजमेंट कमेटी की एक बैठक के बाद आज रात जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि अब तक तमिलनाडु से 243 मछुआरों, केरल से 250 मछुआरों और लक्षद्वीप से 1,047 लोगों को बचाया गया है.
बयान में कहा गया है कि सरकारी एजेंसियों और तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा लगाए गए राहत शिविरों में रहनेवाले लोगों को राहत सामग्री भी मुहैया कराया जा रहा है. इस हालात से निपटने के लिए एजेंसियां तेजी से काम कर रही हैं. आधिकारिक बयान में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने 10 कोस्ट गार्ड शिप, छह विमान, चार हेलिकॉप्टर और नौसेना के 10 जहाजों को बचाव एवं राहत कार्य के लिए लगाया है.