नई दिल्ली : वैसे तो देश में कई धाकड़ पुरुष कमांडो हैं, लेकिन देश की ये महिला कमांडो भी कुछ कम नहीं हैं। ये महिला कमांडो मध्यप्रदेश की जेलों में हर मुश्किल स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। इन महिला कमांडो को एमपी जेलों में ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया है।
कहा जा रहा है कि देश में यह पहली बार है कि जेल गार्ड्स को कमांडो की ट्रेनिंग दिलाई गई है। जेलों में तैनात खाकी वर्दी में बंदूक ताने गार्ड खुद अपनी सुरक्षा नहीं कर पाते हैं। यही वजह है कि कई खतरनाक कैदी जेल तोड़कर भाग जाते हैं,लेकिन इन महिला कमांडोज को इस तरीके की ट्रेनिंग दी गई है जिनके आगे कोई नहीं टिक पाएगा।
पिछले साल दीपावली पर सिमी के आठ लोग एक जेल गार्ड की हत्या कर भागने में सफल हो गए थे। बाद में ये फरार कैदी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। मध्यप्रदेश की कई जेलों में इन दिनों पचास से अधिक ऐसे कैदी हैं, जिनके रिश्ते पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से बताए जा रहे हैं। जो कई खतरनाक वारदातों को भी अंजाम दे चुके हैं। ये कैदी जेल गार्ड्सगार्ड्स पर कई बार हमला भी कर चुके हैं।
इस वजह से जेल गार्ड्स को सरकार ने सेना के जवानों दी जाने वाली ट्रेनिंग भी दिलाई है। बीएसएफ कमांडों की ट्रेनिंग लेकर लौटीं महिला गार्ड्स को अलग-अलग जेल में तैनात कर दिया गया है। ये महिला गार्ड्स महज 10 सेकंड में खूंखार से खूंखार कैदी को पस्त करने में सक्षम हैं। 30 सेकंड में एके-47 और इंसास जैसे हथियारों को खोलकर उन्हें बंद कर गोली दागने में भी माहिर हैं। 20 किलो वजनी बर्फ की सिल्ली को एक हाथ से ढाई सेकंड में ब्रेक और पत्थरों की स्लाइड को एक झटके में तोड़ सकतीं हैं। आंख बंद होने पर भी एक मिनट में हथियार खोलकर उसे फिर से बंद कर सकतीं हैं।