बॉम्बे हाई कोर्ट ने एसिड अटैक के 8 साल पुराने मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे एक आरोपी को छोड़ने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
आरोपी ने पीड़िता से शादी कर ली थी और प्लास्टिक सर्जरी के लिए अपनी चमड़ी दान करने का वादा किया है। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने उसे छोड़ने का फैसला सुनाया। फैसले के बाद आरोपी अनिल पाटिल ने कहा कि, “हमने प्यार से इस मसले को सुलझा लिया और अब हम पुरानी बातों को भूलकर एक अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं।” इतना ही नहीं अनिल ने प्लास्टिक सर्जरी में आने वाला सारा खर्च उठाने की भी बात कही है।
दिसंबर, 2013 में खेड़ की सेशंस कोर्ट ने अनिल पाटिल को एक महिला पर एसिड फेंकने के आरोप में दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस सजा को ज्यादा मानते हुए पाटिल ने हाई कोर्ट में अपील की थी।
आरोपी की अपील पर जस्टिस भूषण गवई और सारंग कोटवाल की डबल बेंच ने इसी साल 27 जून को आरोपी को राहत पहुंचाते हुए कहा कि, “इस केस में आरोपी ने जो आठ साल की सजा काटी है, वो काफी है।”
कोर्ट ने कहा कि ये घटना आरोपी और पीड़ित के बीच जो अफेयर था, उससे जुड़ी है। दोनों एक-दूसरे को लंबे वक्त से जानते थे। अनिल ने पीड़ित लड़की से अपने प्यार का इजहार किया था। मगर पीड़िता ने इंकार कर दिया। इससे गुस्साए आरोपी ने उसे डराना शुरू कर दिया और 2010 में एक दिन तैश में आकर लड़की के चेहरे और कंधे पर तेजाब फेंक दिया। उस वक्त मौके पर मौजूद लड़की की दोस्त की गवाही की वजह से उसे सजा हो गई।