नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच एमआइ-17वी-5 हेलीकॉप्टर के लिए जल्द समझौते को अंतिम रूप देने की उम्मीद है। इस संबंध में पिछले साल ही समझौता होने वाला था। हेलीकॉप्टर बनाने वाली रूस की कंपनी रोसटेक स्टेट कॉरपोरेशन के सीईओ सर्जेई चेमेजोव ने विशेष बातचीत में कहा कि 48 एमआइ-17वी-5 हेलीकाप्टरों की डिलीवरी के लिए भारत के साथ बातचीत पूरी हो चुकी है। हमें इस संबंध में मार्च तक समझौता होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एमआइ-17 और एमआइ-8 हेलीकॉप्टर में काफी आधुनिकीकरण की संभावना है। ऐसा एमआइ-171ए2 के विकास से साबित हो गया है।
एमआइ171ए2 हेलीकॉप्टर एमआइ-8 और एमआइ-17 सीरीज का उन्नत मीडियम मल्टीरोल हेलीकॉप्टर है। चेमेजोव ने कहा कि इसमें करीब 80 नए सुधार किए गए हैं। मौजूदा समय में भारत के पास करीब 151 एमआइ-17वी-5 हेलीकॉप्टर हैं। जनवरी 2016 में अंतिम बार इनकी डिलीवरी की गई थी। हाल ही में भारत द्वारा 111 नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के लिए जारी टेंडर पर चेमेजोव ने कहा कि रूस अपने कामोव केए-226टी हेलीकॉप्टर के साथ इसमें हिस्सा लेगा। उन्होंने कहा कि केए-226टी टेंडर की सभी विशेषताओं को पूरा करता है।
एमआइ-17वी-5 की खासियत
यह एमआइ-8/17 का सबसे उन्नत हेलीकॉप्टर है। यह नाइट विजन तकनीक, ऑन-बोर्ड वेदर रडार, नया पीकेवी-8 ऑटोपायलट सिस्टम और केएनईआइ-8 एवियोनिक्स सूट से लैस है। इस हेलीकॉप्टर के जरिये भारतीय वायुसेना ने कई मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान किए हैं। नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले के दौरान इसके जरिये कमांडो उतारे गए थे। कहा जाता है कि सितंबर 2016 में नियंत्रण रेखा के नजदीक पाक स्थित आतंकी लांच पैड को ध्वस्त करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक में भी इसका इस्तेमाल किया गया।