पटना। हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने अपने तेवर दिखाते हुए कहा है कि मेरी मांग नहीं मानी गईं तो पटना के गांधी मैदान में हम की रैली होगी और हम इसमें बड़ा एलान कर सकते हैं। मांझी का कहना है कि मेरे मुख्यमंत्रित्व काल में जो फैसले लिए गए थे, जो भी उस फैसले को मानेगा हम उसी के साथ जाएंगे।
मांझी के इस फैसले पर राजद नेता भाई वीरेंद्र ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मांझी जी का हम स्वागत करते हैं। उनका फैसला गरीब जनता के हित में है और हमारी सरकार बनी तो हम मांझी जी की मांग को जरूरी पूरी करेंगे। हमारे नेता लालू जी भी जीतनराम मांझी का सम्मान करते हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने भी कहा है कि मांझी की मांग सही है। उन्होंने कहा कि अगर जीतनराम मांझी उपचुनाव के लिए जहानाबाद सीट की मांग कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है?
उधर, सीएम नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने जीतनराम मांझी की मांग पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। हालांकि नीतीश कुमार ने कहा कि जीतमनराम मांझी की मांग पर बाद में बात करेंगे। वहीं, भाजपा नेता और प्रदेश के स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि जीतनराम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं और लगाता हमारे संपर्क में हैं। उपचुनाव एनडीए की पार्टियां मिलकर ही लड़ेंगीं।
बता दें कि उपचुनाव के लिए जीतनराम मांझी ने जहानाबाद सीट की मांग की है और कहा है कि जहानाबाद में हम पार्टी के सिवा कोई जीत ही नहीं सकता। इससे पहले शुक्रवार को बेगूसराय में एक कार्यक्रम के दौरान जीतनराम मांझी ने नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि आज शिक्षा के नाम पर बेईमानी की जा रही है। समाज में सबके लिए समान शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आज इस शिक्षा व्यवस्था में गरीब तबके के बच्चे पिछड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, देश में दो प्रकार की शिक्षा प्रणाली है। देश के 80 प्रतिशत बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ते हैं, जहां न के बराबर पढ़ाई होती है। सरकारी विद्यालय लूट का अखाड़ा बना हुआ है। समान शिक्षा प्रणाली लागू होने से तब आरक्षण की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
उन्होंने कहा, सरकारें बदली हैं लेकिन व्यवस्था नहीं। 71 वर्षों के बाद भी किसी का ध्यान इस विषमता की ओर नहीं गया। हम पार्टी की सरकार बनी या हम सक्षम हुए तो सबके लिए एक शिक्षा प्रणाली लागू करेगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, हमारे पूर्व के निर्णयों का आदर नहीं किया गया तो पटना में आठ अप्रैल को आयोजित राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में अलग राजनीतिक लड़ाई की घोषणा होगी। इसके लिए गांव-गांव जाकर इस सम्मेलन में आने का न्योता दिया जा रहा है।