इससे विकास मार्ग से होकर अपने गंतव्य की ओर जाने वाले लोगों को राहत मिलेगी। दरअसल, ट्रैफिक पुलिस की ओर से लक्ष्मी नगर के पास रेड लाइट को भी बंद कर दिया गया है।
यमुनापार को नई दिल्ली से जोड़ने वाला विकास मार्ग अब पूरी तरह से सिग्नल फ्री हो गया है। इससे विकास मार्ग से होकर अपने गंतव्य की ओर जाने वाले लोगों को राहत मिलेगी। दरअसल, ट्रैफिक पुलिस की ओर से लक्ष्मी नगर के पास रेड लाइट को भी बंद कर दिया गया है।
इससे पहले लक्ष्मी नगर से लेकर कड़कड़ी मोड़ तक इस मार्ग पर तीन रेड लाइट को फ्री किया गया था, लेकिन लक्ष्मी नगर मेट्रो के पास वाले रेड लाइट को भी बंद करने के बाद अब इस मार्ग पर चार रेड लाइट बंद हो गई है। हालांकि, जिन वाहनों को मंडावली की तरफ जाना है, उनके लिए रास्ता दिया गया है। वर्तमान में वहां पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है, ताकि व्यस्त समय में वहां पर जाम की स्थिति न बने।
ट्रैफिक पुलिस केअधिकारी ने बताया कि आईटीओ की तरफ से आने वाला वाहन यदि मंडावली की तरफ जाना चाहता है, तो उसके लिए रास्ता दिया गया है। इससे पहले रेड लाइट पर मंडावली से आने वाले वाहन भी गलत तरीके से सड़क पार करते थे, जिससे जाम की स्थिति बन जाती थी। खास कर व्यस्त समय में वाहन जाम में फंसे रहते थे। अब नई व्यवस्था के तहत वाहन गलत तरीके से सड़क पार नहीं कर सकेंगे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिन वाहनों को मंडावली की तरफ जाना है वह सड़क की दाईं ओर दो लेन पर रहेंगे। वहीं जिन वाहनों को निर्माण विहार की तरफ जाना है वह सड़क की बाईं ओर दो लेन
में चलेंगे।
ट्रैैफिक पुलिस ने लगाया साइन बोर्ड
इस मार्ग को सिग्नल फ्री किए हुए कुछ ही दिन हुए हैं, तो अधिकतर वाहन चालकों को इस मार्ग पर सिग्नल फ्री होने की कोई जानकारी नहीं है। उन्हें गाइड करने के लिए लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन के कुछ ही दूरी पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से एक साइन बोर्ड भी लगाया गया है, जिस पर लिखा है कि लक्ष्मी नगर से कड़कड़ी मोड़ की तरफ जाने वाला ट्रैफिक बाए साइड की दो लेन में रहे। यह दो लेन सिग्नल फ्री है। वहीं, मदर डेयरी की तरफ जाने के लिए दाहिने तरफ की दो लेन में रहे। पुलिस की ओर से मार्ग अवरुद्ध न करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।
आउटर रिंग रोड पर मिलीं खामियां, तुरंत करें समाधान
दिल्ली की सबसे व्यस्त सड़क कही जाने वाली आउटर रिंग रोड का शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह को कई खामियां नजर आईं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों संग पहुंचे मंत्री ने तुरंत जिम्मेदार विभागों को मौके पर ही कार्रवाई के निर्देश दिए।
करीब चार घंटे तक मंत्री के नेतृत्व में पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एक ही बस में बैठे और 47 किलोमीटर लंबे आउटर रिंग रोड का निरीक्षण किया।
मंत्री ने कहा कि अभी तक समस्याओं पर चर्चा कागजी मीटिंग रूम में होती रही है, लेकिन यह पहली बार हुआ जब एक ही बस में सभी विभागों के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, आयुक्त और पुलिस अधिकारी मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि इस पहल का मकसद विभागों की दीवारें तोड़कर टीमवर्क, जवाबदेही सुनिश्चित करना है। निरीक्षण में आउटर रिंग रोड पर कई जगह जाम, टूटी सड़कें, ओपन सीवर, गंदे नाले और अतिक्रमण जैसी समस्याएं सामने आईं।
क्षमता से कई गुना अधिक वाहनों की होती है आवाजाही…
आउटर रिंग रोड छह लेन का है। दिल्ली के उत्तर, पश्चिम और दक्षिण हिस्सों को जोड़ने वाला यह सबसे बड़ा नेटवर्क है। वर्ष 2001 में यहां प्रतिदिन करीब 1.10 लाख वाहन चलते थे। विशेषज्ञों का कहना है कि बीते दो दशकों में यह संख्या कई गुना बढ़ चुकी है।
ट्रैफिक स्टडीज बताती हैं कि पीक ऑवर में आउटर रिंग रोड पर यातायात इसकी डिजाइन क्षमता से तीन गुना तक अधिक पहुंच जाता है। अनुमान के मुताबिक साउथ दिल्ली के सावित्री फ्लाईओवर के पास शाम सात से आठ बजे के बीच 18 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं, जबकि क्षमता महज 5400 वाहनों की है। यही कारण है कि यहां अक्सर लंबे जाम लगते हैं।