नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जीरो बैलेंस वाले जनधन खातों को बंद कर दिया है। ऐसे करीब 1 करोड़ जीरो बैलेंस वाले खातों को बदं किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने संसद को जानकारी देते हुए कहा कि जनधन खातों के रखरखाव के लिए 774.86 करोड़ रूपए की लागत आती है। गौरतलब है कि वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने एक प्रश्न को लेकर जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा कि जनधन योजना पीएमजेडीवाई के परिचालन की कुल लगात 774.86 करोड़ रूपए है।
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उन्होंने बताया कि यदि वर्ष 2016 में 9 नवंबर के हालात पर ध्यान दिया जाए तो शून्य बैलेंस वाले जनधन खातों की तादाद 5.93 करोड़ रूपए थी। इतना ही नहीं 28 दिसंबर 206 को इस तरह की संख्या 6.32 करोड़ रूपए थी। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में 9252609 खातों को प्रतिबंधित कर दिया गया।
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दरअसल इनमें से किसी तरह का ट्रांजिक्शन नहीं हुआ था। केंद्रीय मंत्री ने संसद को कहा कि सार्वजनिक बैंक, ग्रामीण बैंक व निजी बैंक ने इन खातों को लेकर जानकारी दी थी। ये खाते डेड अकाउंट श्रेणी में शामिल कर दिए गए थे।
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