एक टूटे हुए तारे के जमीन पर गिरने से सुंदर-सी झील बन गयी। ये कोई परिकथा नहीं है बल्कि सच बात है। महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा जिले में ‘लोनार झील’ झील उल्का पिंड की टक्कर से बनी है। खारे पानी की यह झील रहस्यों से भरी है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी से टकराने के बाद उल्कापिंड तीन हिस्सों में टूट चुका था और उसने लोनार के अलावा अन्य दो जगहों पर भी झील बना दी। हालांकि अब अन्य दो झीलें पूरी तरह सूख चुकी है पर लोनार में आज भी पानी मौजूद है।
करीब दस लाख टन वजनी उल्का पिंड टकराने से बनी यह झील करीब 1.8 किलोमीटर व्यास की इस उल्कीय झील की गहराई लगभग पांच सौ मीटर है। इस झील के पानी पर आज भी देश-विदेश के कई साइंटिस्ट रिसर्च कर रहे हैं। कहा जाता है कि झील के पानी में समय-समय पर बदलाव होते हैं। यह बदलाव क्यों होते हैं इस बात पर आज भी रहस्य कायम है और कई साइंटिस्ट इस राज को जानने में जुटे हुए हैं।
जब वैज्ञानिकों ने इस झील के खारे पानी का रहस्य जानने की कोशिश की तो पाया गया की इस स्थान पर कभी समुद्र हुआ करता जिस वजह से इसका पानी खारा है। पर ये हजारों साल या लाखों साल पुरानी बात हो सकती है।
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