वो 23 जून की शाम थी। फुटबॉल का अभ्यास करने के बाद 12 बच्चे अपने कोच के साथ एक गुफा देखने गए। जी हां, हम थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों की ही बात कर रहे हैं। उत्तरी थाईलैंड में स्थित गुफा को अंदर से देखने की चाहत इन बच्चों और उनके कोच को रोमांचित कर रही थी। अभ्यास के बाद सभी गुफा के अंदर दाखिल हुए, लेकिन अगले पल उनके साथ क्या होने वाला है इसका उन्हें लेस मात्र भी आभास नहीं था। उसके बाद जो हुआ वो रोंगटे खड़े कर देने वाला है। 
23 जून के बाद 9 दिन तक यह 12 बच्चे और उनके कोच लापता रहे। आखिर इन सबका पता चला तो सभी स्तब्ध रह गए। फिर तो यह खबर पूरी दुनिया में ऐसे फैली जैसे जंगल की आग। हर कोई इन 12 बच्चों और उनके कोच के बारे में जानने को उत्सुक है और उनकी सकुशल घर वापसी की दुआएं भी हो रही हैं। इस बीच रविवार को 4 बच्चों को गुफा से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि सेना ने पहले कहा था कि गुफा में घुसे बाढ़ के पानी को उतरने में महीनों लग सकते हैं और उसके बाद ही इन सबको वहां से निकाला जा सकता है। भले जो हो, इन बच्चों और उनके कोच पर इसका गहरा मानसिक असर पड़ सकता है। इस बारे में दैनिक जागरण ने मनोचिकित्सकों से बात की… मानसिक के अलावा शारीरिक असर भी इन सब पर पड़ेगा और इस बारे में जानने के लिए हमने पीडियाट्रिक से बात की।
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